Sambhal Violence: संभल हिंसा के आरोपियों के खिलाफ 6 माह बाद एक्शन, सांसद समेत 23 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जानिये पूरा अपडेट

उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के छह माह बाद पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 18 June 2025, 7:20 PM IST
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संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। बुधवार को पुलिस ने संभल हिंसा के 23 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। एसआईटी ने कुल 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, चार्जशीट में संभल के सांसद जियाउर्रहमान बर्क का नाम भी शामिल है। बर्क के अलावा मस्जिद के सदर जफर अली का नाम भी शामिल है।

सपा सांसद पर गंभीर आरोप

चार्जशीट के अनुसार, सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क पर हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देने और लोगों को उकसाने का गंभीर आरोप लगाया गया है। पुलिस ने उन्हें इस हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता माना है। हालांकि, सांसद बर्क ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। उनका कहना है कि वे घटना के समय संभल में मौजूद ही नहीं थे।

हाई कोर्ट की रोक और जांच की स्थिति

सांसद बर्क की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है, लेकिन अदालत ने उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है। इसी मामले की जांच कर रही एसआईटी ने पहले ही जामा मस्जिद सदर के एडवोकेट जफर अली को गिरफ्तार किया था। उनकी जमानत याचिका भी चंदौसी न्यायालय द्वारा खारिज की जा चुकी है।

इस वजह से भड़की थी हिंसा

यह हिंसा उस समय भड़की थी जब शाही जामा मस्जिद का सर्वे इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के तहत एडवोकेट कमिश्नर की टीम द्वारा किया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, जब सर्वे टीम मस्जिद परिसर में पहुंची, तब बड़ी संख्या में लोग विरोध में एकत्र हो गए। देखते ही देखते विरोध ने उग्र रूप धारण कर लिया और भीड़ ने पथराव, आगजनी और फायरिंग शुरू कर दी।

इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 23 पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके अलावा कई पुलिस वाहन और अन्य सरकारी संपत्तियां भी आगजनी में नष्ट हो गई थीं।

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