Saint Premanand: संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित, ये वजह आई सामने

मथुरा।वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित कर दी गई है। इस को लेकर श्री राधे हित केली कुंज परिवार ने श्रद्धालुओं से अपील की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 4 May 2025, 3:19 PM IST
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मथुरा: वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा स्थगित कर दी गई है। इस को लेकर श्री राधे हित केली कुंज परिवार ने श्रद्धालुओं से अपील की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज की आगामी पदयात्रा को रोक दिया गया है।

स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते लिया निर्णय

यह जानकारी श्री राधे हित केली कुंज परिवार की ओर से जारी एक आधिकारिक संदेश में कहा गया है कि महाराज श्री की स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते आगामी पदयात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित किया गया है। हम सभी श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन करते हैं कि कृपया मार्ग में एकत्रित न हों और भीड़ लगाने से बचें।

स्वास्थ्य ठीक होते शुरू होगी पदयात्रा

पदयात्रा को लेकर संदेश में बताया गया है कि जैसे ही महाराज जी पूर्ण रूप से स्वस्थ होंगे तो फिर से पदयात्रा शुरू कर दी जाएगी।

आश्रम की अपील 

आश्रम की इस अपील के बाद, आश्रम के लोगों का मानना है कि पिछले कई दिनों से महाराज जी पदयात्रा पर नहीं निकल रहे थे और भक्त रात-रात भर उनकी पदयात्रा में शामिल होने के लिए इंतजार कर रहे थे। अब भक्त रात को महाराज जी का इंतजार नहीं करेंगे और रात भर परेशान नहीं होंगे।

गौरतलब है कि प्रेमानंद महाराज की यात्रा कुछ दिन पहले भी स्थगित की गई थी। जिसके बाद भक्तों में निराशा फैल गई थी. हालांकि पांच दिन के बाद प्रेमानंद जी महाराज ने सुबह 4 बजे से यात्रा शुरू की थी, लेकिन एक बार फिर प्रेमानंद महाराज जी की यात्रा स्थगित कर दी गई है। दरअसल, प्रेमानंद महाराज जी को चलने दिक्कत हो रही है, जिसके बाद अब फिर से उनके रात्रि दर्शन को बंद कर दिया गया है।

बता दें कि प्रेमानंद महाराज जी रोजाना रात्रि 2 बजे से पदयात्रा शुरू करते थे। इस यात्रा में सैकड़ों की संख्या में उनके भक्त शामिल होते थे। यह परिक्रमा केलि कुंज आश्रम पर समाप्त होती थी। लेकिन अब उनके स्वास्थ्य में दिक्कत की वजह से फिलहाल यात्रा रोक दी गई है और भक्तों से कहा गया है कि वे रात में उनके दर्शन के लिए परेशान न हों।

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