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कानपुर के निवासी शुभम द्विवेदी बीते दिनों हुए पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हो गए। अब उनके नाम से एक सड़क बनाई जाएगी। पढ़िए डायनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
शुभम द्विवेदी
कानपुर: पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए वीर जवान शुभम द्विवेदी की शहादत को अमर बनाने के लिए नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कल सोमवार को मोतीझील कार्यालय में हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शहीद शुभम द्विवेदी के नाम पर श्याम नगर स्थित उनके निवास के पास की सड़क और पार्क का नामकरण किया जाएगा। शहीद के सम्मान में यह फैसला न केवल नगर के लिए गर्व की बात है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी बनेगा।
प्रमिला पांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक
बैठक की अध्यक्षता महापौर प्रमिला पांडे ने की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि श्याम नगर क्षेत्र में स्थित उस सड़क और पार्क को चिह्नित किया जाए जिनका अब तक कोई नाम नहीं है। चिह्नित किए गए स्थानों का जल्द से जल्द नामकरण किया जाएगा और साथ ही उनके सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्य भी कराया जाएगा। महापौर ने स्पष्ट किया कि यह केवल नामकरण नहीं, बल्कि शहीद की स्मृति को चिरस्थायी बनाने का प्रयास है।
महाराजपुर में चौक निर्माण का निर्णय
इसके साथ ही महापौर ने बताया कि शुभम द्विवेदी का पैतृक आवास महाराजपुर क्षेत्र के हाथीपुर स्थित रघुवीर नगर में है। यहां नगर निगम की सीमा सतबरी रोड तक है, जिससे आगे दो किलोमीटर तक की दूरी में कोई उपयुक्त स्थान तय कर चौक का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को स्थल सर्वेक्षण के आदेश दिए गए हैं। प्रस्तावित चौक शहीद की याद को और अधिक सशक्त रूप में नगरवासियों के सामने प्रस्तुत करेगा।
ये नामकरण प्रस्ताव भी स्वीकृत
बैठक में अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी सहमति बनी। विधायक नीलिमा कटियार के प्रस्ताव पर गोल चौराहा, जीटी रोड का नाम अब बलिदानी चंद्रशेखर आजाद के नाम पर रखा जाएगा। उपसभापति यशपाल सिंह के प्रस्ताव पर हटिया पार्क में स्वतंत्रता सेनानी बाबू गुलाबचंद्र सेठ की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। वहीं भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित के प्रस्ताव पर नंदलाल चौराहा से गोविंद नगर होते हुए रीजेंसी अस्पताल तक के मार्ग का नाम स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय के नाम पर होगा। इसके अलावा रानी घाट जाने वाले मार्ग का नाम पूर्व पार्षद स्वर्गीय मदन बाबू के नाम पर किए जाने का भी निर्णय लिया गया।