Crime In UP: गोरखपुर में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा, कोर्ट ने लगाया 20 हजार का जुर्माना

यूपी के गोरखपुर जिले में नाबालिग से दुष्कर्म मामले में कोर्ट द्वारा एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 19 April 2025, 2:16 PM IST
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गोरखपुर: महिला और बाल कल्याण से जुड़ी सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश में चलाए जा रहे 'ऑपरेशन कनविक्शन' के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में, विशेष न्यायालय (पॉक्सो) ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में दोषी पाए गए अनीस पुत्र इसराइल को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, कोर्ट ने अनीस पर 20 हजार का जुर्माना भी लगाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला गोरखपुर के थाना कैम्पियरगंज क्षेत्र में 2019 में पंजीकृत हुआ था, जब एक स्थानीय नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किए जाने की घटना सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मु.अ.सं. 328/2019 धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज करते हुए जांच प्रारंभ की थी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर डॉ. गौरव ग्रोवर के निर्देशन में इस मामले को गहनता से संज्ञान में लिया गया। पुलिस थानाध्यक्ष कैम्पियरगंज राकेश रोशन सिंह, थाने के पैरोकार, मॉनिटरिंग सेल और विशेष लोक अभियोजक राम मिलन सिंह की प्रभावी पैरवी ने इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गवाहों की गवाही के आधार पर अनीस को दोषी पाया गया

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट संख्या-02) ने सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के आधार पर अनीस को दोषी पाया। अदालत के समक्ष प्रस्तुत सबूतों में नाबालिग की चिकित्सकीय रिपोर्ट, गवाहों के बयान और अन्य फोरेंसिक साक्ष्य शामिल थे। इस मामले में सुनाई गई सजा को लेकर गोरखपुर पुलिस ने इसे न्याय की जीत बताया। पुलिस ने कहा कि 'ऑपरेशन कनविक्शन' के अंतर्गत ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अनीस को दी गई यह सजा उन अपराधियों के लिए चेतावनी है जो इस प्रकार के जघन्य अपराध करने की सोचते हैं। इसके साथ ही, यह विशेष न्यायालय का निर्णय उन पीड़ितों के लिए आशा की किरण है जो ऐसे मामलों के चलते न्याय का इंतजार करते हैं।

कोर्ट के निर्णय के बाद पीड़िता के परिवार ने ली राहत की सांस

निर्णय की खबर सुनने के बाद पीड़िता के परिवार ने राहत की सांस ली है। परिवार ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस निर्णय से अन्य मामलों में भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोरखपुर पुलिस और अभियोजन पक्ष ने इस फैसले को एक महत्वपूर्ण मोड़ मानते हुए विश्वास व्यक्त किया कि समाज में ऐसे अपराधों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।

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