

एयरपोर्ट पर ही जैसे जश्न का माहौल बन गया। परिजनों, ग्रामीणों और समर्थकों की भारी भीड़ राजेश का स्वागत करने पहुंची। ढोल-नगाड़ों की गूंज और फूलों की बारिश के बीच विजेता का पारंपरिक अंदाज में सम्मान हुआ।
अमेरिका में स्वर्ण पदक जीतकर लौटे वतन
Greater Noida News: अमेरिका में आयोजित प्रतिष्ठित वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए ग्रेटर नोएडा के लाल राजेश भाटी ने कुश्ती में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया। जब वे स्वदेश लौटे तो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका जोरदार स्वागत किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, एयरपोर्ट पर ही जैसे जश्न का माहौल बन गया। परिजनों, ग्रामीणों और समर्थकों की भारी भीड़ राजेश का स्वागत करने पहुंची। ढोल-नगाड़ों की गूंज और फूलों की बारिश के बीच विजेता का पारंपरिक अंदाज में सम्मान हुआ। राजेश की इस गौरवशाली उपलब्धि पर उन्हें दूर-दराज से बधाई संदेश और शुभकामनाएं मिल रही हैं।
अमेरिकी पहलवान को हराकर जीता गोल्ड
ग्रेटर नोएडा के जमालपुर गांव निवासी राजेश भाटी वर्तमान में सीआईएसएफ में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अमेरिका में स्थित बर्मिंघम में हुए इस अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन में भारतीय पुलिस दल का प्रतिनिधित्व करते हुए कुश्ती में हिस्सा लिया। फाइनल मुकाबले में उन्होंने अमेरिका के अनुभवी पहलवान जेम्स को पराजित कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। उनकी यह जीत सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि गांव, प्रदेश और पूरे देश के लिए गर्व की बात है। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय खिलाड़ी किसी भी मंच पर पीछे नहीं हैं।
खेलों की विरासत से आगे बढ़े राजेश
राजेश की खेलों में रुचि बचपन से ही रही है। उन्हें कुश्ती की प्रेरणा अपने दादा स्वर्गीय चरण सिंह पहलवान से मिली, जो खुद भी गांव में एक प्रसिद्ध पहलवान रहे थे। इस पारिवारिक विरासत को राजेश ने मेहनत, लगन और अनुशासन के बल पर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने भारत का गौरव बढ़ाया हो। इससे पहले साल 2015 में वर्जीनिया (अमेरिका) में हुए वर्ल्ड पुलिस गेम्स में दो स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं। इसके अलावा वे 'उत्तर प्रदेश केसरी' का खिताब भी जीत चुके हैं।
जीत का जोरदार जश्न, राजेश बोले- यह पदक देश को समर्पित
एयरपोर्ट पर जैसे ही राजेश बाहर आए। लोगों ने उन्हें कंधों पर उठा लिया। ढोल-नगाड़ों की थाप और परंपरागत नृत्य के बीच ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। फूल-मालाओं से लदे राजेश ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह जीत मेरे देश, मेरे गांव और मेरे परिवार को समर्पित है। मुझे गर्व है कि मैंने तिरंगे की शान को एक बार फिर ऊंचा किया। भविष्य में भी मैं देश के लिए पदक जीतने की पूरी कोशिश करूंगा।”
गांव में भी मना जश्न, युवाओं के लिए बने प्रेरणा
राजेश की स्वर्णिम उपलब्धि की खबर गांव पहुंचते ही वहां भी जश्न का माहौल बन गया। गांव में ढोल नगाड़ों के साथ रैली निकाली गई। इसके साथ मिठाइयां बांटी गई और हर गली में बधाइयों की गूंज सुनाई दी। बच्चे-बूढ़े सभी राजेश की इस सफलता से गौरवांवित महसूस कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजेश जैसे खिलाड़ी युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं। उनकी मेहनत, अनुशासन और देश के प्रति समर्पण आने वाले खिलाड़ियों को न सिर्फ दिशा देगा बल्कि उन्हें आगे बढ़ने का हौसला भी देगा।