

सोनभद्र में भारी बारिश ने नगर पालिका परिषद के स्वच्छता अभियान और नाला निर्माण की हकीकत उजागर कर दी। जानिए क्या है पूरा मामला
सड़कों पर हुआ जलभराव ( सोर्स - रिपोर्टर )
सोनभद्र: आकांक्षी जनपद के रूप में चिन्हित सोनभद्र का मुख्यालय रॉबर्ट्सगंज एक बार फिर मानसून की पहली बारिश में ही पानी-पानी हो गया। शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से लेकर दो बजे तक हुई भारी बारिश ने नगर पालिका परिषद के स्वच्छता अभियान और नाला निर्माण की हकीकत उजागर कर दी। जगह-जगह जलभराव, सड़कों पर बहता पानी और घरों में घुसता नाला, नगर की बदहाल व्यवस्था की गवाही दे रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक नगर के प्रमुख इलाके जैसे धर्मशाला चौक, चंडी होटल, मेन मार्केट, बैंक ऑफ बड़ौदा, न्यू कॉलोनी और नई बस्ती पूरी तरह से जलमग्न हो गए। सड़कों पर बने गड्ढों में पानी भरने से गलियों की शक्ल नहर जैसी हो गई। महिला थाना के पास बने अधूरे नाले के ओवरफ्लो से सारा गंदा पानी न्यू कॉलोनी की ओर बह गया, जिससे अंक हॉस्पिटल के सामने वाली गली में लोगों के घरों तक पानी घुस गया।
लोगों का कहना है कि हर साल बारिश में यही हाल होता है, लेकिन नगर पालिका परिषद समय रहते कोई ठोस तैयारी नहीं करती। नाले का निर्माण अभी तक अधूरा है और जहां किया गया है वहां भी सड़क से ऊंचा नाला बनाकर पानी की निकासी को और मुश्किल बना दिया गया है। परिणामस्वरूप, नाले में पानी जाने के बजाय सड़कों पर बह रहा है, जिससे पूरे नगर में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।
स्थानीय निवासी बारिश बंद होने की दुआ कर रहे हैं, वहीं नगर पालिका प्रशासन पर कामचोरी और दिखावटी सफाई अभियानों का आरोप लगा रहे हैं। नागरिकों ने सवाल उठाया है कि आखिर हर साल की तरह इस बार भी नगर पालिका ने समय रहते नालों की सफाई क्यों नहीं करवाई? क्यों हर समस्या के बाद ही “एक्शन मोड” में आते हैं अधिकारी?
सवाल यह भी उठ रहा है कि जब नगर में गर्मी में जल संकट, जाड़े में अलाव की कमी और बरसात में जलनिकासी की असफलता है, तो विकास केवल कागजों पर ही क्यों दिखता है? नगर के लोगों का कहना है कि बिना जमीनी तैयारी के आदर्श नगर पालिका परिषद का तमगा सिर्फ दिखावा है। अब नागरिकों को केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए।