

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने आज रायबरेली में जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकारी स्कूलों के मर्जर के फैसले पर सरकार की कड़ी निंदा की।
सड़क पर शिक्षकों का प्रदर्शन
रायबरेली: उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने आज रायबरेली में जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकारी स्कूलों के मर्जर के फैसले पर सरकार की कड़ी निंदा की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले रायबरेली में शिक्षकों ने सरकार के मर्जर (विलय) के फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने सरकार के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए इसे शिक्षा और शिक्षकों के भविष्य के लिए घातक बताया।
रायबरेली के प्रमुख चौराहों और कार्यालयों के बाहर एकत्र हुए शिक्षकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि विद्यालयों के मर्जर से प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित होगी। उनका आरोप था कि इस फैसले से कई विद्यालय बंद हो सकते हैं। जिससे बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा और शिक्षकों को अनावश्यक रूप से दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित किया जा सकता है।
शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने जोर देकर कहा कि सरकार को मर्जर जैसे जनविरोधी फैसले तुरंत वापस लेने चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह आंदोलन और भी उग्र रूप लेगा और राज्यव्यापी प्रदर्शन किए जाएंगे। शिक्षकों ने शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में पुरुष और महिला शिक्षकों ने भाग लिया, जो सरकार के इस निर्णय से अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त कर रहे थे।
वहीं ऊँचाहार में खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर एकत्रित हुए सैकड़ो की संख्या में शिक्षक और शिक्षिकाएं ने स्कूल के मर्ज किए जाने पर सरकार पर की आलोचना की। सरकार के आदेश को लेकर नारेबाजी करते हुए कहा कि जब तक आदेश वापस नही होगा लगातार विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। शिक्षकों ने सरकार के इस कदम के पीछे प्राइवेट विद्यालय को दोषी ठहराया है।
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