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Raebareli News: एम्स रायबरेली में हुआ कुछ ऐसा, बदल गई रोगियों की सोच; जानें क्या है मामला?

शहर के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक बार फिर अपनी जनसेवा की भावना को साबित किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: Poonam Rajput
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Raebareli News: एम्स रायबरेली में हुआ कुछ ऐसा, बदल गई रोगियों की सोच; जानें क्या है मामला?

रायबरेली: शहर के प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने एक बार फिर अपनी जनसेवा की भावना को साबित किया है। “स्वास्थ्यं सर्वार्थ साधनम” को आत्मसात करते हुए एम्स रायबरेली ने एक प्रभावशाली रोगी जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य लोगों को हृदय संबंधी रोगों के प्रति न केवल जानकारी देना था, बल्कि उन्हें सक्रिय रूप से अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना भी था।

व्यायाम के महत्व पर रोशनी

 डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह विशेष कार्यक्रम हृदय वक्ष एवं वाहिका सर्जरी विभाग द्वारा आयोजित किया गया, जिसका विषय रखा गया – “हृदय की आवाज एवं इलाज”। इस थीम के माध्यम से रोगियों को हृदय रोगों के शुरुआती संकेत, समय रहते पहचान, सही खानपान और नियमित व्यायाम के महत्व पर रोशनी डाली गई।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. स्वाति पाठक ने अत्यंत सहज व प्रेरणादायक अंदाज़ में की। उन्होंने बताया कि कई बार शरीर हमें संकेत देता है, जिन्हें हम अनदेखा कर देते हैं, जो बाद में गंभीर बीमारी में तब्दील हो सकते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों को उदाहरणों के माध्यम से बताया कि कैसे छोटी-छोटी जीवनशैली की आदतें बड़े संकट को टाल सकती हैं।

इस अवसर पर डीन अकादमिक प्रो. नीरज कुमारी, डीन परीक्षा डॉ. प्रगति गर्ग, उप-निदेशक प्रशासन कर्नल अखिलेश सिंह, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नीरज कुमार, हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित गुप्ता और आपातकाल विभाग की प्रभारी डॉ. जैनब मेहदी सहित संस्थान के कई वरिष्ठ अधिकारी व चिकित्सक मौजूद रहे।

लघु नाटक का मंचन

कार्यक्रम को और अधिक प्रभावशाली बनाने हेतु एक लघु नाटक का मंचन भी किया गया, जिसमें आमजन को यह दिखाया गया कि किस प्रकार तनाव, असंतुलित आहार और लापरवाही हृदय रोग को जन्म देती है। इसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित हुआ, जिसमें मरीजों और उनके परिजनों ने खुलकर अपनी शंकाएं साझा कीं।

लोगों ने की पहल की सराहना

कार्यक्रम का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं था, बल्कि रोगियों के मन में स्वास्थ्य को लेकर एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना भी था। समापन पर उपस्थित सभी लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए एम्स प्रबंधन का धन्यवाद किया और आशा जताई कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों से उन्हें मार्गदर्शन मिलता रहेगा।

 

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