यूपी विधानसभा चुनाव 2027 से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया अलायंस की रणनीति और सीट शेयरिंग पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सवाल सीटों का नहीं, जीत का है और जिस सीट पर जो जीत सकता है, वही लड़ेगा।

अखिलेश यादव
Lucknow: उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भले ही चुनाव में अभी समय हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अभी से अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। खासतौर पर भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन यानी इंडिया अलायंस के भीतर सीट शेयरिंग और आपसी तालमेल को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कांग्रेस और सपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर बड़ा बयान दिया है।
सवाल सीटों का नहीं बल्कि जीत का होना चाहिए
अखिलेश यादव ने साफ शब्दों में कहा कि अब समाजवादी पार्टी जीतना सीख गई है और आने वाले समय में वही जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि गठबंधन का मकसद केवल सीटों का बंटवारा नहीं बल्कि जीत सुनिश्चित करना होता है। जब सभी दल बराबर की स्थिति में होंगे तो गठबंधन की जरूरत ही क्यों पड़ेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार रास्ता जरूर निकलेगा और इंडिया अलायंस को पहले से ज्यादा मजबूत किया जाएगा। उनके अनुसार सवाल सीटों का नहीं बल्कि जीत का होना चाहिए।
भाजपा को हराने का तैयार होगा मूल-मंत्र
किस सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा, इस सवाल पर अखिलेश यादव ने स्पष्ट संकेत दिए। उन्होंने कहा कि जिस सीट पर जो भी दल या प्रत्याशी जीत सकता है, उसी को मैदान में उतारा जाएगा। उन्होंने याद दिलाया कि यही प्रयोग 2024 के लोकसभा चुनाव में किया गया था और इसका नतीजा सबके सामने है। अखिलेश ने दावा किया कि उसी रणनीति के चलते भाजपा दूसरे नंबर पर चली गई और अयोध्या जैसी महत्वपूर्ण सीट पर भी उसे हार का सामना करना पड़ा।
कफ सिरप मामले को उठाया
प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि हाल ही में कफ सिरप से कई लोगों की जान चली गई, लेकिन मुख्यमंत्री अपने स्वजातीय लोगों को बचाने में लगे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव के दौरान SIR के जरिए चुनाव आयोग से मिलकर दूसरों के वोट कटवाए गए। अब स्थिति यह है कि खुद मुख्यमंत्री यह कह रहे हैं कि उनके ही चार करोड़ वोट कट गए।
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समाजवादी पार्टी और इंडिया अलायंस की रणनीति तैयार
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ होगा कि किसी मुख्यमंत्री के हटने के बाद उसके घर को गंगाजल से धुलवाया गया हो। उन्होंने इसे भाजपा की राजनीति और सोच का उदाहरण बताया। कुल मिलाकर अखिलेश यादव के इस बयान से साफ है कि 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी और इंडिया अलायंस ने अभी से अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। आने वाले समय में सीट शेयरिंग और गठबंधन को लेकर और भी बड़े राजनीतिक संकेत देखने को मिल सकते हैं।