

प्रयागराज के बहादुरपुर ब्लॉक के धनइचा मलखानपुर गांव में खेत में काम कर रहे किसानों पर एक तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। इस घटना में तीन किसान घायल हो गए। हमले के बाद से गांव में दहशत का माहौल है और वन विभाग की टीम तेंदुए की तलाश में जुटी है। तेंदुए को लेकर काफी समय में गांव में डर का माहौल बना हुआ था। तेंदुए ने हमला किया तो उसके बाद वन विभाग सक्रिय हो गया। डर की वजह लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
प्रयागराज में तेंदुए का आतंक (Img: Google)
Prayagraj: प्रयागराज जिले में बहादुरपुर ब्लॉक अंतर्गत धनइचा मलखानपुर गांव में शनिवार की शाम अफरातफरी मच गई। बताया जा रहा है कि खेतों में काम कर रहे तीन किसानों पर एक तेंदुए ने अचानक हमला कर दिया। घटना उस वक्त हुई जब ग्रामीण अपने खेतों में रोज की तरह कृषि कार्य में लगे हुए थे और गन्ने के खेत से निकले एक तेंदुए ने पहले किसान संजीव पर जोरदार हमला कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, संजीव की चीख सुनकर अन्य किसान उसकी मदद के लिए दौड़े, लेकिन तेंदुआ और अधिक आक्रामक हो गया और उसने दो और किसानों पर हमला कर दिया। घायल किसानों को तुरंत उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
गांव में पसरा डर का सन्नाटा
घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल छा गया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ खेतों की ओर दौड़ पड़े, लेकिन तेंदुआ गन्ने के घने खेत में छिप गया। लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से इलाके में तेंदुए की मौजूदगी की आशंका थी, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।
वन विभाग की टीम मौके पर
घटना की जानकारी मिलते ही कमिश्नर ऑफ फॉरेस्ट तुलसी दास और DFO अरविन्द यादव मौके पर पहुंचे। वन विभाग की टीम ने इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। गन्ने के खेत में पिंजड़ा लगाया जा रहा है और तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। स्थानीय ग्रामीणों को सतर्क रहने और अकेले खेत में न जाने की सलाह दी गई है।
पूर्व चेतावनी नहीं मिलने पर उठे सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि तेंदुए की मौजूदगी को लेकर कई बार संदेह जताया गया था, लेकिन वन विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। हमले के बाद ही प्रशासन और वन विभाग सक्रिय हुआ है, जिससे लोगों में नाराजगी भी देखी जा रही है।
ग्रामीणों की सुरक्षा प्राथमिकता
DFO अरविन्द यादव ने बताया, “हमने इलाके में पिंजड़ा लगाया है और विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया है। लोगों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। ग्रामीणों से अपील है कि वे घरों में रहें और किसी प्रकार की अफवाह न फैलाएं।” रविवार सुबह भी गांव में सन्नाटा पसरा रहा। कई लोग घरों से बाहर नहीं निकले और बच्चों को स्कूल न भेजने का निर्णय लिया गया। खेतों में काम लगभग बंद हो चुका है और ग्रामीण तेंदुए के पकड़े जाने तक सावधानी बरत रहे हैं।