Raebareli: भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री शफाअत हुसैन ने ‘आई लव मोहम्मद’ नारे को इस्लाम विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में “आई लव मोहम्मद” जैसा कॉन्सेप्ट नहीं है, और इस्लाम में किसी नई बात को जोड़ना गुनाह माना गया है। उन्होंने कहा कि मौलाना तौकीर रजा द्वारा इस नारे को लेकर चलाया गया आंदोलन धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है और यह इस्लाम की शिक्षाओं के अनुरूप नहीं है।
तौकीर रजा पर गंभीर आरोप
शनिवार को रायबरेली स्थित पीडब्लूडी गेस्ट हाउस में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और पुलिस अधिकारियों की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में शफाअत हुसैन ने तौकीर रजा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि तौकीर रजा अपने आपको मौलाना कहते हैं, लेकिन वे किसी मान्यता प्राप्त मदरसे से शिक्षित नहीं हैं। “वह एक गैंग चलाते हैं, और बरेली में वक्फ की जमीनों पर उनके गुर्गों ने कब्जा कर रखा है। इसी के बल पर वह अपनी ताकत दिखाने का प्रयास करते हैं।”
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उन्होंने कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ के नाम पर जो बवाल किया गया, वह इस्लाम की मर्यादाओं के विपरीत है। इस्लाम में ‘लब्बैक या रसूल अल्लाह’ शब्द का प्रयोग मान्य है, लेकिन “आई लव मोहम्मद” का प्रयोग गलत है। हुसैन ने कहा, “जब पुलिस ने बैनर लेकर चल रहे लोगों को रोकने की कोशिश की, तो वे तख्ती जमीन पर फेंककर भाग गए और उसे रौंद दिया। यह न सिर्फ निंदा योग्य है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी गलत है।”
“ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए”
शफाअत हुसैन ने कहा कि तौकीर रजा को “अल्लाह की तरफ से सबक मिला है” और ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सोच रखने वालों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत मुकदमे दर्ज किए जाने चाहिए। उन्होंने बिना नाम लिए विवादित उपदेशक जाकिर नाइक का भी जिक्र किया और कहा, “जैसे मुंबई में एक मौलाना सेमिनार किया करते थे और उन्हें देश से निकाल दिया गया, उसी तरह ऐसे लोगों को भी भारत में जगह नहीं दी जानी चाहिए।”
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“आई लव मोदी, आई लव योगी कह सकते हैं”
उन्होंने कहा कि “आई लव योगी” या “आई लव मोदी” कहना एक राजनीतिक प्रतिक्रिया है, क्योंकि यह किसी धार्मिक सिद्धांत से जुड़ा नहीं है। लेकिन “आई लव मोहम्मद” जैसे शब्द इस्लामिक सिद्धांतों के खिलाफ हैं। “हम अल्लाह के लिए किसी नई चीज़ को नहीं जोड़ सकते,” उन्होंने कहा। “इस्लाम में नबी की मोहब्बत का इज़हार अपने कर्मों से होता है, किसी अंग्रेजी नारे से नहीं।”
वक्फ संपत्ति पर बोले शफाअत हुसैन
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी सरकार वक्फ संपत्तियों पर हुए कब्जों को खत्म कराने के लिए काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद कई नेताओं ने वक्फ संपत्तियों को अपने हित में संशोधित कराया और गरीब मुस्लिमों के अधिकारों से उन्हें वंचित किया। “2014 में बीजेपी की सरकार आने के बाद ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत पर काम हो रहा है। वक्फ बिल में संशोधन से अब कब्जे हटाए जा रहे हैं। कई जगहों की जमीनें वापस ली गई हैं और उन पर अस्पताल व सार्वजनिक भवन बनाने की योजना है।”
शत्रु संपत्ति पर भी साधा निशाना
शफाअत हुसैन ने शत्रु संपत्ति के मुद्दे पर इशारों में आज़म खान पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के समय जिन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था, उनमें से कई को वक्फ संपत्ति में दर्ज करा दिया गया। “अब उन सभी गलत प्रविष्टियों को ठीक किया जा रहा है और कब्जे मुक्त कराए जाएंगे।”

