धर्मांतरण गैंग में नया खुलासा: देहरादून की लड़की ने खोल दी पूरी किताब, पढ़ें हिंदू लड़कियों का कैसे होता था ब्रेनवॉश

इस मामले में पुलिस को पहली बार एक ऐसी गवाह मिली है। जिसने खुद पूरे घटना को भोगा है और अब साफ-साफ बता रही है कि कैसे एक संगठित गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण करवा रहा है। कई बार उन्हें किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी बीवी बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 26 July 2025, 8:49 AM IST
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Agra News: उत्तर प्रदेश के आगरा में चल रहे धर्मांतरण रैकेट की परतें अब खुलती जा रही हैं। हाल ही में पुलिस ने देहरादून से एक युवती को बरामद किया है, जिसने पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। इस युवती को धर्मांतरण गैंग ने 'मरियम' नाम दिया था। अब यह युवती इस पूरे गिरोह की सच्चाई उजागर कर रही है।

"दूसरी, तीसरी या चौथी बीवी बनने के लिए मजबूर"

इस मामले में पुलिस को पहली बार एक ऐसी गवाह मिली है। जिसने खुद पूरे घटना को भोगा है और अब साफ-साफ बता रही है कि कैसे एक संगठित गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण करवा रहा है। कई बार उन्हें किसी की दूसरी, तीसरी या चौथी बीवी बनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

फेसबुक से शुरू हुआ था सब कुछ

पीड़िता ने बताया कि वर्ष 2019 में अबू तालिब नामक एक व्यक्ति ने उससे फेसबुक पर संपर्क किया। वह इस्लाम धर्म की बातें करता था और धीरे-धीरे उसने युवती से भावनात्मक रिश्ता बना लिया। युवती ने बताया, "वह मुझसे लगातार बात करता था, मुझे इस्लाम की अच्छाइयों के बारे में बताता और धीरे-धीरे उसने मुझसे शादी की बात शुरू कर दी।" तालिब ने युवती को अपनी कथित बहनों सुमैया और सफिया से मिलवाया। फिर उसे एक महिला 'आयशा' से जोड़ा। जिसने युवती को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया। आयशा ने उसे बताया कि यदि वह इस्लाम कबूल कर ले और किसी की दूसरी या तीसरी बीवी बनने को तैयार हो जाए तो उसे बेहतर जिंदगी और सुविधाएं दी जाएंगी।

'नया नाम, नई पहचान और नई जिंदगी'

आयशा ने युवती से कहा कि उसकी मदद तभी की जाएगी। जब वह अपनी पुरानी पहचान छोड़कर इस्लाम में आ जाए और किसी अमीर व्यक्ति की बीवी बन जाए। उसके बाद उसे 'मरियम' नाम दिया गया और इस्लामी प्रथाओं के पालन की ट्रेनिंग दी गई। युवती ने बताया, "मुझे बताया गया कि मुझे खुद झारखंड से देहरादून आना है, फिर वहां से मुझे दिल्ली और अंत में एक सुरक्षित जगह पहुंचाया जाएगा।"

सिम कार्ड नष्ट करने का आईडिया

अयान जावेद, अब्दुल रहमान उर्फ रूपेंद्र प्रताप और एक अन्य दिल्ली निवासी अब्दुल रहमान इस पूरे नेटवर्क का हिस्सा थे। इन लोगों ने युवती को सिखाया कि कैसे वह मोबाइल और सिम कार्ड को नष्ट करे। जिससे ट्रैक न किया जा सके।

"तीसरी या चौथी बीवी बनो, तभी मदद मिलेगी"

जब युवती ने दूसरी या तीसरी बीवी बनने से इनकार किया तो गिरोह के सदस्यों ने उसकी मदद बंद कर दी। उसने कहा, "अब्दुल रहमान ने साफ कहा कि जब तक मैं तैयार नहीं होती, तब तक मेरे लिए इकट्ठा किया गया पैसा किसी और लड़की पर खर्च कर दिया जाएगा। मुझे अकेले रहने और खुद को साबित करने को कहा गया।"

'रेस्क्यू फंड' इकट्ठा करने का काम भी किया

युवती ने यह भी बताया कि इस गिरोह ने सोशल मीडिया पर फर्जी कहानियां बनाकर 'रेस्क्यू फंड' इकट्ठा करने का काम भी किया। आयशा का एक कथित 'फंड मैनेजर' था। जिसने युवती से कहा कि वह अपनी कहानी लिखकर दे। जिससे उसे सोशल मीडिया पर डालकर फंडिंग जुटाई जा सके।

Location : 
  • Agra

Published : 
  • 26 July 2025, 8:49 AM IST