

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों के खात्मे को लेकर मुरादाबाद में शुक्रवार को एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
जिलाधिकारी को धन्यवाद पत्र सौंपते हुए संगठन के पदाधिकारी
मुरादाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत आतंकियों के खात्मे को लेकर मुरादाबाद में शुक्रवार को एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला। अखिल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन के दर्जनों पदाधिकारी तिरंगा हाथों में लिए “भारतीय सेना ज़िंदाबाद” के नारों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और भारत सरकार के नाम एक धन्यवाद पत्र जिलाधिकारी को सौंपा।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, संगठन के पदाधिकारियों ने भारतीय सेना की वीरता और सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहा कि आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारने वाली सेना ने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या के बाद देश की जनता आक्रोशित थी। हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों के सामने पुरुषों को उनके धर्म के आधार पर चुन-चुन कर मारा। इस वीभत्स घटना के बाद भारत सरकार ने सेना को पूरी छूट दी और 'ऑपरेशन सिंदूर' की शुरुआत हुई।
धन्यवाद पत्र में सेना की सराहना करते हुए लिखा गया कि भारतीय सेना ने बिना किसी आम नागरिक को नुकसान पहुँचाए आतंकियों को खत्म किया, जो उसकी दक्षता और मानवता का प्रतीक है। यह पूरी कार्रवाई भारतीय सेना की विश्व स्तरीय रणनीति, साहस और अनुशासन का उदाहरण है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं संगठन के पदाधिकारी
ज्ञापन सौंपने वालों में पूनम चौहान, राजेश कुमार, अशोक कुमार, प्रदीप शर्मा, अजब सिंह, कुशल पाल सिंह, इशरत उल्ला खान, अमित शर्मा और धवल दीक्षित जैसे संगठन के प्रमुख पदाधिकारी शामिल रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि देश की जनता सेना के साथ है और जवानों के इस अदम्य साहस को नमन करती है। इस आयोजन के माध्यम से मुरादाबादवासियों ने स्पष्ट कर दिया कि भारत की सुरक्षा और स्वाभिमान से कोई भी समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।
आतंकियों के खात्मे को लेकर मुरादाबाद में दिखा एक अनोखा नज़ारा
ऐसी एक खबर रामपुर से आई है जहां देश भक्ति से ओत-प्रोत हेड कांस्टेबल चमन सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका सिर्फ एक ही सपना है—सरहद पर जाकर दुश्मनों को करारा जवाब देना। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि वर्तमान हालात युद्ध जैसे बनते जा रहे हैं और इस परिस्थिति में वह अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का अवसर चाहते हैं। उन्होंने स्वयंसेवक के रूप में सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर देश सेवा करने की इच्छा जताई है।