महिला शौचालय के नाम पर धन का बंदरबांट, ऐसे सामने आया पूरा मामला

महराजगंज में महिला शौचालय के कायाकल्प के नाम पर सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला सामने आया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 13 June 2025, 12:47 PM IST
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महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के सिसवा विकास खंड अंतर्गत ग्राम लक्ष्मीपुर एकडंगा में 15 वर्ष पहले निर्मित महिला शौचालय के कायाकल्प के नाम पर सरकारी धन के बड़े बंदरबांट का मामला सामने आया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इस शौचालय का निर्माण तो हुआ, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह आज तक उपयोग में नहीं लाया जा सका। ऐसे में ग्रामीण महिलाओं ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

महिलाओं ने लगाया यह आरोप

इस मामले को लेकर लक्ष्मीपुर एकडंगा की सरला देवी, कलावती, रंजू, सुभावती और निर्मला देवी ने बताया कि यह महिला शौचालय कम्प्लेक्स 15 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान शिवा जी के कार्यकाल में बनवाया गया था। उस समय शौचालय में मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी, बिजली और रखरखाव की कमी के कारण यह उपयोग के लायक नहीं रहा। जिसके चलते, ग्रामीण महिलाएं इस कम्प्लेक्स का उपयोग नहीं कर सकीं और उन्हें खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक ही खाते में भेज दिए गए पैसे

वहीं वर्तमान में, इस शौचालय के कथित कायाकल्प के लिए सरकार द्वारा 6 लाख रुपये और मजदूरी के लिए 1 लाख 24 हजार रुपये का बजट आवंटित किया गया था। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि इस राशि का दुरुपयोग किया गया। लेकिन हैरानी की बात यह है कि मजदूरी की राशि 21 लोगों के लिए आवंटित की गई, लेकिन यह पूरी राशि एक ही बैंक खाते में भेज दी गई। यह अपने आप में एक बड़ी जांच का विषय है। ग्रामीणों का कहना है कि शौचालय का कायाकल्प तो दूर, मौके पर कोई उल्लेखनीय काम ही नहीं हुआ है।

स्थानीय सचिव ने दी सफाई

इस मामले में स्थानीय सचिव पवन गुप्ता का दावा है कि महिला शौचालय कम्प्लेक्स का टाइलीकरण कराकर इसका कायाकल्प किया गया है। हालांकि, ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि यह दावा पूरी तरह झूठा है। शौचालय की स्थिति आज भी जर्जर है और यह उपयोग के लायक नहीं है। महिलाओं ने इस मामले में जिला प्रशासन और उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की अनियमितताएं न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हैं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सम्मान और सुविधा के साथ भी खिलवाड़ है।

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