Mirzapur News: गंगा किनारे दाह संस्कार से ग्रामीणों में रोष, घोड़ा घाट का अंत्येष्टि स्थल बना शोपीस

ग्राम आराजी लाइन सुल्तानपुर स्थित घोड़ा घाट पर बने अंत्येष्टि स्थल के बावजूद लोग गंगा किनारे ही शवों का दाह संस्कार कर रहे हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 24 May 2025, 12:57 PM IST
google-preferred

मिर्जापुर: गंगा नदी के किनारे अविरल और निर्मल गंगा की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, लेकिन मिर्जापुर के चुनार क्षेत्र में गंगा तट पर हो रहे दाह संस्कार इन योजनाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं। ग्राम आराजी लाइन सुल्तानपुर स्थित घोड़ा घाट पर बने अंत्येष्टि स्थल के बावजूद लोग गंगा किनारे ही शवों का दाह संस्कार कर रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। इस घाट पर रूद्रनाथ महादेव और हनुमान मंदिर के पास लगातार 24 घंटे शव दाह होने से मंदिर के पुजारी और श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्थानीय लोगों का कहना है कि गंगा किनारे हो रहे दाह संस्कार से न केवल पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, बल्कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता भी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, सरकार द्वारा लाखों रुपये की लागत से निर्मित घोड़ा घाट का अंत्येष्टि स्थल मात्र एक शोपीस बनकर रह गया है।

जानकारी के अनुसार, इस अंत्येष्टि स्थल का निर्माण पूर्व ग्राम प्रधान अजय सोनकर के कार्यकाल में लगभग 26 लाख रुपये की लागत से किया गया था। लेकिन विडंबना यह है कि इस स्थल पर केवल एक बार, वह भी अजय सोनकर की माता के शव का दाह संस्कार हुआ था। इसके बाद यह स्थल पूरी तरह से उपयोगहीन हो गया।

श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी

इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन की नाकामी भी इस मामले में साफ दिखाई दे रही है। गंगा किनारे हो रहे दाह संस्कार को रोकने में प्रशासन पूरी तरह असफल साबित हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्मल गंगा और अविरल गंगा जैसी योजनाओं का उद्देश्य गंगा को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखना है, लेकिन गंगा तट पर हो रहे दाह संस्कार इन योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। चित्रेश्वर नाथ घाट पर मंदिर के समीप शवों का अंत्येष्टि होने से श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजा-अर्चना करने में भी दिक्कत हो रही है।

वहीं स्थानीय निवासियों जैसे पप्पू बाबा, भुवनेश्वर सिंह, राजेश प्रजापति, बबलू पाण्डेय और गुलाब सिंह ने जिला प्रशासन से मांग की है कि गंगा किनारे शव दाह पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि घोड़ा घाट पर बने शव दाह गृह का उपयोग अनिवार्य किया जाए, ताकि गंगा की पवित्रता और पर्यावरण की रक्षा हो सके।

Location : 
  • Mirzapur

Published : 
  • 24 May 2025, 12:57 PM IST