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देशभर के प्राथमिक शिक्षक 5 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करेंगे। दो लाख शिक्षक टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ जुटेंगे, जिनमें एक लाख से अधिक यूपी से होंगे। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने आंदोलन की रूपरेखा तय की, जबकि टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन दिया।
शिक्षकों की बैठक हुई
Lucknow: देशभर के प्राथमिक शिक्षकों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य किए जाने के निर्णय के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। इसके तहत 5 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘शिक्षक महारैली’ आयोजित की जाएगी, जिसमें करीब दो लाख शिक्षक शामिल होंगे। सबसे अधिक भागीदारी उत्तर प्रदेश से होगी, जहां से लगभग एक लाख शिक्षक दिल्ली पहुंचेंगे। यह फैसला उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की राजधानी लखनऊ में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में प्रदेश के सभी जिलाध्यक्षों और महामंत्रियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने की और संचालन महामंत्री संजय सिंह ने किया।
बैठक में डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य बताया गया है, से लाखों शिक्षकों का भविष्य प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला उन शिक्षकों के साथ अन्याय है, जिन्होंने पहले से ही शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त किया और वर्षों से सेवा दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि संगठन न्यायालय में इस फैसले के खिलाफ कानूनी लड़ाई भी लड़ेगा, साथ ही टीईटी की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग केंद्र सरकार और एनसीईटी (राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद) से करेगा।
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डॉ. शर्मा ने कहा, “5 दिसंबर को महारैली के दौरान संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा होगा। यह सही अवसर है कि शिक्षक एकजुट होकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करें और सरकार तक अपनी आवाज़ पहुंचाएं।” उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बड़ी संख्या में दिल्ली पहुंचें और अपनी एकता का प्रदर्शन करें।
संघ के महामंत्री संजय सिंह ने बताया कि महारैली में अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ब्लॉकवार शिक्षकों की संख्या निर्धारित कर दी गई है। प्रत्येक ब्लॉक से एक निश्चित संख्या में शिक्षकों को दिल्ली लाने की जिम्मेदारी संबंधित पदाधिकारियों को दी गई है। उन्होंने कहा कि रैली के लिए सभी जिलों से वाहनों की व्यवस्था की जा रही है। संगठन ने दिल्ली में ठहरने और भोजन की तैयारी पर भी काम शुरू कर दिया है।
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यह आंदोलन अब राष्ट्रीय स्वरूप ले चुका है। टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) से जुड़े 14 राज्यों के शिक्षक संगठन भी इस रैली में शामिल होंगे। अनुमान है कि इन राज्यों से लगभग एक लाख शिक्षक रामलीला मैदान में पहुंचेंगे। संघ के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा को हाल ही में टीएफआई का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। बैठक में उनके इस चयन पर सभी पदाधिकारियों ने बधाई दी और उन्हें इस आंदोलन का राष्ट्रीय नेतृत्व सौंपने का निर्णय लिया।
बैठक में संघ के कोषाध्यक्ष शिव शंकर पांडेय, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधेरमण त्रिपाठी, संयुक्त महामंत्री देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव सहित सभी जिलाध्यक्ष और महामंत्री मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि टीईटी की अनिवार्यता का विरोध सिर्फ शिक्षक समुदाय का नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था की रक्षा का प्रश्न है।