गोरखपुर में ईआरओ और अपर उपजिलाधिकारी की बैठक; बीएलओ के खिलाफ दिये सख्त निर्देश

इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफीसर (ईआरओ) और नवागत अपर उपजिलाधिकारी सदर सुदीप तिवारी ने सदर तहसील सभागार में सुपरवाइजर्स के साथ बैठक कर बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने उन बीएलओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए, जो अब तक अपना ईपिक नंबर उपलब्ध नहीं कराए हैं या मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में सहयोग नहीं कर रहे।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 9 September 2025, 3:55 AM IST

Gorakhpur: गोरखपुर की पिपराइच विधानसभा के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफीसर (ईआरओ) और नवागत अपर उपजिलाधिकारी सदर सुदीप तिवारी ने सदर तहसील सभागार में सुपरवाइजर्स के साथ बैठक कर बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने उन बीएलओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए, जो अब तक अपना ईपिक नंबर उपलब्ध नहीं कराए हैं या मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में सहयोग नहीं कर रहे।

बैठक में बीआरसी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि 321 पिपराइच विधानसभा में नियुक्त 138 बीएलओ ने अभी तक लॉगिन नहीं किया है, जिनमें से 38 बीएलओ ने अपना ईपिक नंबर भी जमा नहीं किया। इस लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए ईआरओ ने संबंधित विभागों को शिकायती पत्र भेजने और ऐसे बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।उन्होंने स्पष्ट किया कि जो बीएलओ चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे, वे चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं।

ईआरओ सुदीप तिवारी ने जोर देकर कहा, "मतदाता सूची लोकतंत्र की रीढ़ है। इसकी शुद्धता, पारदर्शिता और समयबद्ध अद्यतन अनिवार्य है। यदि मतदाता सूची में त्रुटियां रहेंगी, तो पूरी चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी।" उन्होंने सुपरवाइजर्स और सहायक इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर्स (एईआरओ) को निर्देश दिए कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य पूरी गंभीरता से किया जाए। बीएलओ की भूमिका को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि बीएलओ को नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन और प्रविष्टियों की शुद्धता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी।

उन्होंने सुपरवाइजर्स को चेतावनी दी कि बीएलओ घर बैठकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण नहीं करेंगे। यदि ऐसी शिकायत मिली, तो संबंधित बीएलओ के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। साथ ही, मतदाता सूची से किसी भी नाम को हटाने से पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस देना अनिवार्य होगा। ईआरओ ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी दावे या आपत्ति को लंबित न रखा जाए और सभी का निस्तारण तय समयसीमा में हो।

उन्होंने कहा, "यह प्रक्रिया संवेदनशील और लोकतांत्रिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।" बैठक में एईआरओ, सुपरवाइजर्स और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इस कदम से मतदाता सूची की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

 

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 9 September 2025, 3:55 AM IST