

गोरखपुर पुलिस महकमे में जनपदीय स्थापना बोर्ड की बैठक के बाद पांच उपनिरीक्षकों का कार्यक्षेत्र बदला गया है। इन तबादलों को कानून-व्यवस्था सुधारने और पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
गोरखपुर में पुलिस अधिकारियों के तबादले
Gorakhpur: जिले में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने और पुलिस विभाग की कार्यकुशलता में इजाफा करने के उद्देश्य से गोरखपुर में पुलिस महकमे में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। जनपदीय स्थापना बोर्ड की बैठक के बाद पांच उपनिरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव करते हुए उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार यह बदलाव जनहित और विभागीय कार्यप्रवाह को और अधिक सुचारु बनाने के लिए किया गया है। सभी तबादले तत्काल प्रभाव से लागू माने जाएंगे और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे यथाशीघ्र अपने नए पदस्थानों पर कार्यभार ग्रहण करें।
उपनिरीक्षक अमरेश कुमार सिंह, जो अब तक पुलिस लाइन में तैनात थे, को चौकी प्रभारी बेतियाहाता बनाया गया है।
उपनिरीक्षक रवि कुमार राय, जो गगहा में वरिष्ठ उपनिरीक्षक के पद पर कार्यरत थे, अब वरिष्ठ उपनिरीक्षक खोराबार होंगे।
उपनिरीक्षक सर्वेश कुमार, अब तक मछलीगांव चौकी प्रभारी थे, उन्हें हरनही चौकी प्रभारी नियुक्त किया गया है।
उपनिरीक्षक नितिन कुमार मिश्रा, जो हरनही में कार्यरत थे, अब पुलिस लाइन में अपनी सेवाएं देंगे।
उपनिरीक्षक अविनाश कुमार सिंह, जो थाना कोतवाली में तैनात थे, को चौकी प्रभारी मछलीगांव बनाया गया है।
सूत्रों के अनुसार, यह स्थानांतरण काफी समय से लंबित प्रस्ताव का हिस्सा था जिसे अब जनपदीय स्थापना बोर्ड की स्वीकृति के बाद लागू कर दिया गया है। इसके पीछे उद्देश्य है पुलिस प्रशासन में नई ऊर्जा और कार्यकुशलता लाना, ताकि अपराध नियंत्रण, गश्त व्यवस्था और जनसंपर्क में सुधार हो सके।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इन स्थानांतरणों से उपनिरीक्षकों को नई चुनौतियों का सामना करने और खुद को साबित करने का अवसर मिलेगा। यह कदम पुलिस बल के भीतर गतिशीलता और सुधार की भावना को बढ़ावा देगा।
इस आदेश के बाद गोरखपुर पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। सभी प्रभावित उपनिरीक्षक अपने-अपने नए कार्यक्षेत्र में जल्द से जल्द चार्ज लेने की तैयारी में जुटे हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि बदलाव का उद्देश्य जनता को बेहतर सुरक्षा और सेवा देना है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस फेरबदल से पुलिस की सक्रियता, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार देखने को मिलेगा। विशेषकर संवेदनशील क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण और जनसंपर्क बेहतर होने की उम्मीद जताई जा रही है।