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मैनपुरी में तैनात डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनका अखिलेश दुबे से सिर्फ कानूनी सलाह का रिश्ता था। उन्होंने 33 कंपनियों और 100 करोड़ की प्रॉपर्टी के आरोप को झूठा बताया। शुक्ला ने यह भी दावा किया कि वे गैंग्स और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे थे।
डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला
Mainpuri: मैनपुरी में तैनात डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने हाल ही में अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा है और उनका खंडन किया है। शुक्ला ने कहा कि उनका अखिलेश दुबे से सिर्फ एक लीगल एडवाइजर और पुलिस अधिकारी के रूप में संबंध था। वह जब भी किसी तकनीकी कानूनी मामले में उलझते थे, तो अखिलेश दुबे से लीगल सलाह लेते थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी और दुबे के बीच कई कानूनी मुद्दों पर बातचीत हुई, लेकिन उनका संबंध सिर्फ पेशेवर था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के अनुसार, डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने यह भी स्पष्ट किया कि उनके बेटे के नाम पर कोई 33 कंपनियां नहीं हैं, जैसा कि आरोप लगाया गया था। उन्होंने इसे पूरी तरह से झूठ और भ्रामक जानकारी करार दिया। ऋषिकांत शुक्ला के मुताबिक, ऐसा कोई भी कंपनी का स्वामित्व उनके बेटे के नाम पर नहीं है। साथ ही, उनके पास आर्य नगर में स्थित 92 करोड़ रुपये की संपत्ति भी नहीं है, जैसा कि मीडिया में रिपोर्ट किया गया था। इस बारे में उन्होंने बताया कि उनके दोस्त देवेंद्र द्विवेदी की संपत्ति को लेकर जो जानकारी सामने आई है, वह भी पूरी तरह से गलत है, क्योंकि देवेंद्र द्विवेदी को भी इस संपत्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इसके अलावा, डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ चल रही साजिश में कुछ अपराधी गैंग या माफिया शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई आपराधिक गैंगों, जैसे डीटो गैंग, मादक पदार्थ तस्करों और मुन्ना बजरंगी गैंग के शूटर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और ऐसे लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे हो सकते हैं। शुक्ला ने दावा किया कि उन्होंने डीटो गैंग को नेस्तनाबूद किया था और कई अपराधियों को पकड़ा था, जिनमें एसटीएफ के धर्मेंद्र सिंह की हत्या करने वाले गैंग के सदस्य भी शामिल थे।
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डीएसपी शुक्ला ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और वे इन आरोपों से पूरी तरह से इंकार करते हैं। उनका कहना था कि एसआईटी द्वारा उनके खिलाफ संपत्ति की जांच को लेकर कोई सूचना नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि उनका पूरा विश्वास अपने उच्च अधिकारियों और सरकार पर है और अगर उन्हें बुलाया जाता है, तो वह पूरी तथ्यों के साथ अपनी सफाई देंगे।
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