Maharajganj: महराजगंज में एक उच्च प्राथमिक विद्यालय भवन बने दो वर्ष बीत चुके है लेकिन इस शिक्षा के मंदिर में न तो शिक्षक आते हैं, ना ही बच्चे। लाखों की लागत से बना ये विद्यालय बेमतलब साबित हो रहा है। गांव के ग्रामीण बताते हैं कि विद्यालय की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, लिहाजा विद्यालय के कमरे में गाय-भैंस ने अपना आवास बना लिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ये मामला महराजगंज जिले के लक्ष्मीपुर वनटांगिया क्षेत्र तिनकोनिया के उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। विद्यालय भवन बने दो वर्ष बीत चुके है, विद्यालय में रसोई घर, शौचालय, कमरे, बाउंड्रीवाल सभी चीजें है, लेकिन इस विद्यालय में आज तक कोई शिक्षक पढ़ाने नहीं आया।देखरेख के अभाव में कमरो मे जानवर घूमते है,पूरा कमरा गंदगी से पट चुका है।बाहर से देखने पर बकायदा ‘ उच्च प्राथमिक विद्यालय वनटांगिया क्षेत्र तिनकोनिया विकासखंड लक्ष्मीपुर‘ लिखा है। लेकिन मौके पर इस विद्यालय में आज तक कोई पढ़ाने नही आया।
ग्रामीणों ने बताया कि वनटांगिया क्षेत्र के इस टोले पर एक प्राथमिक विद्यालय है, जहां बच्चे पढ़ते हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय बने दो साल हो गया है लेकिन कोई शिक्षक यहां आज तक नहीं आया। जिससे गांव के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो जा रहे हैं। कुछ बच्चे दूर किसी दूसरे गांव, जंगल पार कर पढ़ने जाते हैं लेकिन जंगल के हिंसक जानवरों का डर हमेशा बना रहता है। यही कारण है कि अधिकतर बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं। अगर इस लाखों की लागत से बने इस विद्यालय भवन में शिक्षक आते तो गांव के बच्चे भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर पाते।
खंड शिक्षा अधिकारी का बयान
इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीपुर पिंगल राणा ने बताया कि तिनकोनिया के उस उच्च प्राथमिक विद्यालय में हैंडपंप (पानी की व्यवस्था) नहीं होने के कारण प्राथमिक विद्यालय में जूनियर स्कूल के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है और वहां पर एक शिक्षक की तैनाती है।
खंड शिक्षा अधिकारी की लापरवाही
अब बड़ा सवाल ये है कि क्या सिर्फ पानी की व्यवस्था न हो पाने से लाखों की लागत से तैयार उच्च प्राथमिक विद्यालय यूं ही खंडहर होता जाएगा? आखिर पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी किसकी है? क्या बिना पानी की व्यवस्था के ही बिल्डिंग खड़ी कर दी गई?
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लक्ष्मीपुर ब्लॉक के बीआरसी कार्यालय से कुछ किलोमीटर दूर पर मौजूद वनटांगिया क्षेत्र का खंड शिक्षा अधिकारी ने आज तक दौरा नहीं किया। क्या सिर्फ कुर्सी पर बैठकर कलम चलाने के लिए इन्हें ये अधिकार मिला है। सरकार के लाखों के बजट पर इन जैसे लापरवाह अधिकारियों की बदौलत सैकड़ों बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित हो जा रहे हैं। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके बच्चे जंगल पार कर के दूसरे गांवों में पढ़ने जाते हैं, अगर इन नौनिहालों के साथ हिसंक जानवरो से कोई हादसा हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
BSA महराजगंज का बयान
इस मामले में जब BSA महराजगंज रिद्धि पांडे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले में तुरन्त जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बात का पता लगाया जाएगा कि आखिर बिल्डिंग बनने के बाद भी वहां शिक्षक क्यों नहीं जा रहे हैं।

