Maharajganj: किशोरियों पर अपराध को लेकर समाज में जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों के मन में कानून का डर पैदा करने के उद्देश्य से पाक्सो कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो कोर्ट महराजगंज पीसी कुशवाहा ने चौक थाना क्षेत्र से जुड़े एक पुराने दुष्कर्म प्रकरण में आरोपी शैलेष गुप्ता उर्फ शिवा को कठोर दंड देते हुए 20 साल के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
बदनामी के डर से चली गई हरियाणा
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला कई वर्ष पुराना है। जानकारी के अनुसार, आरोपी शैलेष गुप्ता ने चौक थाना क्षेत्र में रहने वाली एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था। घटना के बाद पीड़िता ने लोकलाज और डर के कारण किसी से कुछ नहीं कहा और अपनी बहन के पास हरियाणा चली गई। कुछ समय बाद जब पीड़िता को तेज पेट दर्द की शिकायत हुई तो बहन ने उसे डॉक्टर को दिखाया। जांच में जो सच सामने आया, उसने सभी को हैरान कर दिया। किशोरी आठ माह की गर्भवती थी।
पीड़िता की बहन ने दर्ज कराया मामला
इस खुलासे के बाद पीड़िता की बहन ने हरियाणा के रोहतक थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि घटना महराजगंज जिले में हुई थी, जिसके बाद केस की विवेचना महराजगंज पुलिस को स्थानांतरित कर दी गई। पुलिस ने विवेचना के दौरान डीएनए टेस्ट कराया, जिसमें आरोपी शैलेष गुप्ता की संलिप्तता पुख्ता तौर पर साबित हो गई।
कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना
इसके बाद पुलिस ने आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। परीक्षण के दौरान विशेष लोक अभियोजक विजय नारायण सिंह ने साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी के खिलाफ मजबूत दलीलें रखीं। अदालत ने सभी तथ्यों पर विचार करते हुए आरोपी को दोषी करार दिया और उसे कठोर दंड सुनाया। न्यायालय ने शैलेष गुप्ता उर्फ शिवा को 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 20,000 रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि जुर्माना न देने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
गौरतलब है कि यह फैसला चौक थाना क्षेत्र से जुड़े किशोरी से दुष्कर्म के एक पुराने मामले में सुनाया गया है। इस फैसले के बाद पूरे जिले में चर्चा का माहौल बन गया है।