

डीएम ने स्वदेशी प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता देने की बात पर ज़ोर दिया। उन्होंने खास तौर पर परिषदीय विद्यालयों में सहजन जैसे पौष्टिक और बहुउपयोगी पौधों को लगाने का निर्देश दिया।
डीएम ने की समीक्षा बैठक
Maharajganj News: जनपद में पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की दिशा में चल रहे वृक्षारोपण अभियान की तैयारियों को लेकर सोमवार को जिलाधिकारी संतोष कुमार शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में एक अहम समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान वृक्षारोपण से जुड़ी योजनाओं की प्रगति और क्रियान्वयन की स्थिति का विस्तार से आकलन किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर वृक्षारोपण हेतु चयनित स्थलों की सूची तत्काल डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) को उपलब्ध कराएं, जिससे पौधों की उपलब्धता और योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने कहा कि समयबद्धता और समन्वय से ही वृक्षारोपण अभियान को प्रभावी बनाया जा सकता है।
थीम आधारित वृक्षारोपण की योजना
जिलाधिकारी शर्मा ने स्पष्ट किया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम को सिर्फ औपचारिकता के रूप में नहीं, बल्कि ‘वीथि वृक्षारोपण’, ‘अटल वन’, ‘गोपाल वन’ और ‘ऑक्सी वन’ जैसी थीमों के अनुरूप क्रियान्वित किया जाए। इससे अभियान न केवल प्रभावशाली होगा, बल्कि आम जनता के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
स्वदेशी और पौष्टिक पौधों को मिले प्राथमिकता
डीएम ने स्वदेशी प्रजातियों के पौधों को प्राथमिकता देने की बात पर ज़ोर दिया। उन्होंने खास तौर पर परिषदीय विद्यालयों में सहजन जैसे पौष्टिक और बहुउपयोगी पौधों को लगाने का निर्देश दिया। साथ ही डीएफओ को निर्देशित किया गया कि सभी विभागों को समय से गुणवत्तापूर्ण और पर्याप्त मात्रा में पौधे उपलब्ध कराए जाएं।
बड़े भू-भाग पर वृक्षारोपण की तैयारी
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि वृक्षारोपण के लिए बड़े भू-भाग वाले स्थलों की पहचान की जाए, जिससे अधिकतम पौधारोपण किया जा सके। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण सिर्फ एक सरकारी गतिविधि न रहे, बल्कि इसे एक जनांदोलन का स्वरूप दिया जाए।
नोडल मंत्री और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी आवश्यक
बैठक में जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम जनपद के नोडल मंत्री एवं नोडल अधिकारी के नेतृत्व में आयोजित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि इस आयोजन के लिए सभी तैयारियां समय से पूरी की जाएं। इसके अलावा स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी अभियान में जोड़ा जाए। जिससे आम जनता तक इसका व्यापक संदेश पहुंचे।