

मड़ियांव थाना क्षेत्र में स्थित मदरसा दारुल उलूम में एक दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
लखनऊ: राजधानी लखनऊ के मड़ियांव थाना क्षेत्र में स्थित मदरसा दारुल उलूम (दोस्त मोहम्मद मदरसा) में एक दिल दहला देने वाली घटना ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। 20 मई की रात 11 बजे, एक 14 वर्षीय एक मासूम छात्र, जो सीतापुर से दिनी तालीम लेने के लिए इस मदरसे में आया था, उसका जीवन बिखर गया, जब मदरसे के मौलवी, कारी अब्दुल बारी (58) ने अपनी हवस मिटाने के लिए उसे अपना शिकार बनाया। इस जघन्य अपराध का विरोध करने पर नन्हा छात्र न केवल शारीरिक और मानसिक यातना का शिकार हुआ, बल्कि मौलवी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। यह घटना उस पवित्र स्थान पर हुई, जहां बच्चों को शिक्षा और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है, जिसने माता-पिता के विश्वास को तोड़ दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जब पीड़ित बच्चे के परिजन शिकायत लेकर मदरसे पहुंचे, तो उनकी आवाज को दबाने के लिए मौलवी और उसके समर्थकों ने उन पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस हमले में परिजनों को गंभीर चोटें आईं और एक परिजन का सिर फट गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि मदरसे में जो हुआ, वह बेहद गलत और अमानवीय है। हालांकि, मदरसे के लोग इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं और कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। आसपास के लोग बताते हैं कि मदरसे के कर्मचारी हर आने-जाने वाले को शक की नजरों से देख रहे हैं और सख्त निगरानी रखी जा रही है, ताकि यह मामला दब जाए।
पुलिस ने मामले में शुरू की जांच
वहीं पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच शुरू कर दी है। मड़ियांव इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्र के अनुसार, मदरसा दारुल उलूम पिछले 20 साल से संचालित हो रहा है, जहां लड़के और लड़कियां दोनों पढ़ते हैं। आरोपी मौलवी कारी अब्दुल बारी, मूल रूप से मऊ का रहने वाला है, वो पिछले पांच साल से इस मदरसे में पढ़ा रहा था। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि उसने पहले भी कई बच्चों के साथ यौन शोषण किया हो सकता है, हालांकि अभी तक कोई अन्य पीड़ित सामने नहीं आया है। पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है, जिन्होंने परिजनों पर हमला किया और आरोपी को बचाने की कोशिश की।
बता दें कि यह घटना न केवल एक बच्चे और उसके परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है। शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अब समय की मांग है। माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा के लिए भेजते हैं, लेकिन जब गुरु ही भक्षक बन जाए, तो विश्वास का आधार हिल जाता है।