ख़जनी तहसील में अधिवक्ताओं का प्रदर्शन, भ्रष्टाचार को लेकर कामकाज हुआ ठप

गोरखपुर के ख़जनी तहसील में अधिवक्ताओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना देकर तहसील का कामकाज ठप कर दिया। अधिवक्ताओं ने भ्रष्टाचार खत्म करने और पारदर्शिता बढ़ाने की मांग की। प्रशासन को मामले को गंभीरता से लेने की अपील की गई है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 26 September 2025, 2:54 PM IST

Gorakhpur। ख़जनी तहसील में व्याप्त अनियमितताओं और भ्रष्टाचार को लेकर शुक्रवार को अधिवक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। ख़जनी तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के.के. सिंह की अगुवाई में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने उप जिलाधिकारी न्यायालय के सामने धरना प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि तहसील में बिना पैसे के कोई कार्य नहीं हो रहा है, नामांतरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य महीनों से लंबित हैं और पूरा तहसील प्राइवेट मुंशियों के हवाले चल रहा है।

धरना प्रदर्शन का संचालन बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेश दुबे ने किया। अध्यक्ष श्री के.के. सिंह ने कहा कि तहसील की अव्यवस्थाओं को लेकर बार-बार प्रस्ताव पारित किए गए, लेकिन अधिकारी समस्या समाधान में रुचि नहीं दिखा रहे। इसके विपरीत भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जनवरी से नामांतरण आदेश की प्रक्रिया या तो ठप हो गई है या फिर जानबूझकर लंबित कर दी गई है। अधिकारी वही काम कर रहे हैं, जिनसे उनका व्यक्तिगत लाभ जुड़ा है।

“प्यार में हाई वोल्टेज ड्रामा: शादी की जिद में आशिक चढ़ा बिजली के खंभे पर, प्रेमिका के वादे के बाद उतरा” जानिए फिर क्या हुआ

अधिवक्ताओं का कहना था कि तहसील में कार्य कराने के लिए फरियादियों को प्राइवेट मुंशियों के माध्यम से ही दौड़-धूप करनी पड़ती है। बिना लेन-देन के कोई काम संभव नहीं है। शिकायत करने पर भी न अधिकारी सुनते हैं, न कर्मचारी। इस कारण आम जनता को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

धरने में तहसील बार एसोसिएशन के बरिष्ट अधिवक्ता सत्य प्रकाश श्रीवास्तव, अनूप सिंह , तहसील बार एसोशिएशन के मंत्री राजनाथ दुबे, दरगाही प्रसादआजाद उमेश दुबे, पलट राज सिंह, तलवार पूर्णमासी यादव, रामप्रीत यादव, गिरजेश राय, मार्कंडेय तिवारी, शैलेंद्र तिवारी, दयानाथ दुबे, कमलेश पांडेय समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में चेतावनी दी कि यदि जल्द ही तहसील के कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

IND vs WI: टेस्ट सीरीज से पहले वेस्टइंडीज को बड़ा झटका, ये खिलाड़ी हुआ बाहर

अधिवक्ताओं का यह भी कहना था कि भ्रष्टाचार के कारण न केवल न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो रही है, बल्कि आम नागरिकों का विश्वास भी प्रशासन से उठ रहा है। उन्होंने उप जिलाधिकारी से मांग की कि तहसील में चल रही अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 26 September 2025, 2:54 PM IST