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लखीमपुर जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए मसीहा बने डॉ. कौशल वर्मा, लोगों में लौटी उम्मीद

लखीमपुर जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए डॉ. कौशल वर्मा ने राहत सामग्री वितरित की। शारदा नदी की बाढ़ से प्रभावित गांवों में राशन किट, पानी, दवाइयां और घरेलू सामान बांटकर उन्होंने जरूरतमंदों की मदद की।
Post Published By: Tanya Chand
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लखीमपुर जिले में बाढ़ पीड़ितों के लिए मसीहा बने डॉ. कौशल वर्मा, लोगों में लौटी उम्मीद

Lakhimpur Kheri: पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और शारदा नदी में उफान के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। इस बाढ़ के कारण सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं और वे अभावग्रस्त जीवन जीने को मजबूर हैं। ऐसे समय में जब प्रशासन और राहत कार्यों की शुरुआत हो चुकी थी, वहीं लखीमपुर के सनशाइन हॉस्पिटल गोला/सीतापुर के प्रबंध निदेशक डॉ. कौशल वर्मा ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर राहत सामग्री वितरित की और पीड़ितों के बीच मदद का हाथ बढ़ाया।

डॉ. वर्मा ने किया गांव का दौरा

डॉ. कौशल वर्मा ने बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया और बंधे पर बसे परिवारों से मिलकर उन्हें राशन किट, पीने का पानी, दवाइयां और अन्य आवश्यक घरेलू सामान प्रदान किया। उन्होंने इन गांवों में राहत सामग्री वितरण के दौरान कहा, यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम आपदा के इस समय में एकजुट होकर इन पीड़ितों की मदद करें। मानव सेवा की कोई सीमा नहीं होती, चाहे वह जाति, धर्म, सम्प्रदाय या क्षेत्र हो।

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ये इलाके हैं गांव से प्रभावित

डॉ. कौशल वर्मा ने खासकर बिजुआ ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम चकपुरवा, नयापुरवा, और कुरियना का दौरा किया, जो बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में कई घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं और अब उनका नाम केवल नक्शे में रह गया है। इसके साथ ही, बेचेपुरवा ग्राम भी बाढ़ के कारण नष्ट होने की कगार पर खड़ा है। इन गांवों के निराश्रित और बेबस लोगों को राशन, पानी और दवाइयां उपलब्ध कराई गईं।

डॉ. वर्मा ने बताई बड़ी बात

डॉ. वर्मा ने बताया कि वह पहले भी निघासन क्षेत्र के ग्राम टहारा में बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे थे और वहां भी खाद्य सामग्री और दवाइयां वितरित की थीं। उनकी यह मदद स्थानीय लोगों के लिए संजीवनी बनकर आई है। समय समय पर डॉ. कौशल वर्मा क्षेत्र में विभिन्न जरूरतमंदों की मदद करते रहते हैं, जिस कारण उनकी लोकसभा में छवि बहुत ही सकारात्मक बन गई है। उनके इस प्रकार के मानवीय कार्यों से लोग उनसे जुड़ते जा रहे हैं और क्षेत्र के लोग उन्हें एक सच्चे समाजसेवी के रूप में पहचान रहे हैं।

राहत सामग्री मिलने के बाद गांववासियों के चेहरे पर खुशी और संतोष की लहर दौड़ गई। बच्चों में उत्साह दिखाई दिया, और महिलाएं व बुजुर्ग भी राहत सामग्री मिलने पर संतुष्ट और आभारी नजर आए।

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बाढ़ पीड़ितों के लिए ये पहल

डॉ. कौशल वर्मा की यह पहल सिर्फ बाढ़ पीड़ितों के लिए ही नहीं, बल्कि समूचे क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन चुकी है। उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर एक सशक्त संदेश दिया कि जब तक समाज में मानवता का क़दम नहीं बढ़ेगा, तब तक आपदा में हर व्यक्ति अकेला रहेगा। उनका कहना था कि ऐसी आपदाओं में यदि हम सब एकजुट होकर काम करें तो हम बड़ी से बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

लोगों ने डॉ. कौशल वर्मा और उनकी टीम का दिल से धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी यह पहल बाढ़ पीड़ितों के लिए संबल बन गई है। अब लोगों को उम्मीद है कि अगर और भी समाजसेवी इसी तरह आगे आएं, तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत का कोई न कोई रास्ता जरूर निकलेगा।

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