

उत्तर प्रदेश के जालौन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने कठोर कदम उठाया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रपोर्ट
फुड सेफ्टी और ड्रग एडमिनीस्ट्रेशन द्वारा लिया सख्त कदम
जालौन: उत्तर प्रदेश के जालौन में खाद्य सुरक्षा एवं औशधि प्रशासन उ.प्र. लखनऊ ने जिलाधिकारी के निर्देशानुसार, गर्मी और वर्षा ऋतु में संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से कठोर कदम उठाए है। इस क्रम में विभाग की संयुक्त टीम ने उरई में विभिन्न प्रतिष्ठानों को औचक निरीक्षण किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, युक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशाशन उ.प्र लखनऊ के निर्देशानिसार टीम का गठन किया गया। इसमें डॉ जतिन कुमार सिंह, सहायक आयुक्त श्री निलोद कुमार राय, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री प्रशान्त श्रीवास्तव, मण्डलीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी; कन्हैयालाल यादव, महेश प्रसाद और सुनील कुमार खाद्य सुरक्षा अधिकारी शामिल थे। इन अधिकारियों ने उरई इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित सिस्टेक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के प्रत्ष्ठान का निरीक्षण किया।
टीम ने इस दौरान पेय पदार्थों के पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का नमूना संग्रहित किया। इसके साथ ही, उरई नगर पालिका के इकलासपुरा रोड पर स्थित आर.ओ. प्लांट से पानी का नमूना भी लिया गया। इसके अतिरिक्त, गोपाल गंज बम्बी रोड पर स्थित दिव्यांश ट्रेडर्स के प्रतिष्ठान से खाद्य पदार्थों का भी निरीक्षण किया गया। इस प्रतिष्ठान से कुल्फी, वनीला आइसक्रीम और आइसक्रीम वॉटर इक्काच नामक तीन नमूने संग्रहित किए गए। इन सभी नमूनों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है, ताकि गुणवत्ता एवं मानकों का परीक्षण किया जा सके।
सभी नमूनों का परीक्षण लैब में किया जाएगा। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। विभाग का यह प्रयास है कि जनता को सुरक्षित एवं मानक-प्रमाणित खाद्य एवं पेय पदार्थ उपलब्ध कराए जाएं, ताकि संक्रमण फैलने का खतरा कम हो सके।
टीम के द्वारा जनपद के बाजारों का लगातार निरीक्षण जारी रखा गया है। यह अभियान अभी भी जारी रहेगा। विभाग का मकसद है कि किसी भी प्रकार की अनुचित या मानकों से भिन्न खाद्य सामग्री या पेय पदार्थ बाजार में न बिकने पाएं। इस तरह के कदम से संक्रमण और बीमारियों की रोकथाम संभव हो सकेगी, जिससे जनता का स्वास्थ्य सुरक्षित रहेगा।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस तरह के निरीक्षणों को जारी रखने का संकल्प व्यक्त किया है। विभागीय कार्रवाई और जांच प्रक्रिया से पता चलता है कि सरकार एवं प्रशासन जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। यह प्रयास संक्रमण से बचाव व सुरक्षित खाद्य व्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है।