सिटी सेंटर हॉस्पिटल में शुरू हुई आईवीएफ और आईयूआई सेवाएं

इस उपलब्धि से महराजगंज जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में होगा मील का पत्थर साबित, पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 29 May 2025, 8:57 PM IST
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महराजगंज: जनपद के सिटी सेंटर हॉस्पिटल में जनपदवासियों के लिए गुरुवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद एक बड़ी चिकित्सा सुविधा की शुरुआत हुई है। अस्पताल में इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट की अत्याधुनिक सेवाएं-आईवीएफ और आईयूआई का शुभारंभ किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस पहल से अब दम्पत्तियों को बांझपन से निजात मिलेगा। इस सेवा की जानकारी देते हुए सिटी सेंटर हॉस्पिटल के एमडी विजय पाण्डेय कहा कि गोरखपुर की मातृत्व फर्टिलिटी एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा टंडन हर महीने दो बार गुरुवार को उपलब्ध रहेंगी। डॉ. शिखा इससे पूर्व बिरला हॉस्पिटल में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। इस सुविधा की जानकारी आम होते ही लोगों में हर्ष का माहौल है। लोगों का कहना है कि जो सुविधा हमारे जिले में नहीं था अब वह अपने जिले में उपलब्ध हो गया है। अब इसके इलाज क लिए कहीं दूर नहीं जाना पड़ेगा। ऐसे में अब अपने जनपद में ही इसका सफल इलाज हो सकेगा।

सस्ते दर पर इलाज का ऐलान

मातृत्व फर्टिलिटी एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा टंडन ने बताया कि यहां आईयूआई का इलाज मात्र ग्यारह हजार रुपये में किया जाएगा, जबकि आईवीएफ के दो एम्ब्रियो के साथ पूरा इलाज लगभग डेढ़ लाख रुपये में उपलब्ध होगा। यह दरें बड़े शहरों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक कम है। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दम्पत्तियों को काफी राहत मिलेगा।

क्या कहती हैं विशेषज्ञ डॉ. टंडन

डॉ. शिखा टंडन ने डाइनामाइट संवाददाता को बताया कि पुरुषों व महिलाओं में चिकित्सकीय कारणों से गर्भ धारण में असमर्थता की स्थिति में यह तकनीकें अत्यंत प्रभावी हैं। नियमों के अनुसार पुरुषों के लिए आयु सीमा 55 वर्ष व महिलाओं के लिए 50 वर्ष से कम निर्धारित की गई है। वहीं यह सेवा जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।

आईवीएफ क्या है?

आईवीएफ (IVF) का मतलब इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है। जब शरीर अंडों को निषेचित करने में विफल रहता है, तो उन्हें प्रयोगशाला में निषेचित किया जाता है। इसलिए इसे आईवीएफ कहा जाता है। एक बार जब अंडे निषेचित हो जाते हैं, तो भ्रूण को मां के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।

आईवीएफ प्रक्रिया में शुक्राणु और अंडे का मिश्रण शामिल होता है। यह आमतौर पर एक डिश में तब तक होता है जब तक कि निषेचन नहीं हो जाता। हालांकि, आईवीएफ एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है। इसलिए, विभिन्न मानदंडों की जांच करना महत्वपूर्ण है।

आईवीएफ के लिए किसे जाना चाहिए?

कई महिलाएं प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में असफल हो जाती हैं। इसलिए उन्हें आईवीएफ का विकल्प चुनना चाहिए। महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट के लिए जा सकती हैं। हालांकि, आईवीएफ के उपयोग से वास्तव में कौन लाभान्वित हो सकता है, इस पर कोई सख्त नियम नहीं हैं। प्रत्येक व्यक्ति के लिए परिस्थितियाँ और शर्तें महत्वपूर्ण रूप से भिन्न होंगी।

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