गाजियाबाद में इंटरनेशनल तस्करी का खुलासा: स्क्रैप में छिपाकर लाई जा रही थी 1 करोड़ की लकड़ी, जानें पूरा मामला

गाजियाबाद पुलिस ने एक बड़े गैंग का खुलासा किया है। इस खुलासे में एक करोड़ की तस्करी का पर्दाफाश हुआ। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 23 June 2025, 3:15 PM IST
google-preferred

गाजियाबाद: पुलिस को अंतरराष्ट्रीय लकड़ी तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। भोजपुर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए स्क्रैप के नीचे छिपाकर ले जाई जा रही बर्मा टीक (सागौन) की 140 किलो लकड़ी जब्त की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। इस मामले में पुलिस ने दो तस्करों को मौके से गिरफ्तार कर लिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि देर रात पुलिस को सूचना मिली थी कि स्क्रैप से भरे एक ट्रक में कीमती लकड़ी की तस्करी की जा रही है। सूचना मिलते ही भोजपुर थाना पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी की और इंस्पेक्टर अनिल राजपूत के नेतृत्व में बनी स्पेशल टीम ने ट्रक को रोककर उसकी गहन तलाशी ली। जैसे ही स्क्रैप को हटाया गया, उसके नीचे से बर्मा टीक की लकड़ी के भारी भरकम गट्ठर बरामद हुए, जो बहुत ही सुनियोजित तरीके से छिपाकर ले जाए जा रहे थे।

तस्करी के लिए 3 देशों के सड़क मार्ग का इस्तेमाल

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी में म्यांमार, नेपाल और भारत के सड़क मार्गों का इस्तेमाल किया गया। तस्करों ने पहले म्यांमार से लकड़ी को नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश कराया। फिर गाजियाबाद होते हुए हरियाणा भेजे जाने की योजना थी।

बहुमूल्य लकड़ी की अवैध खेप

बरामद लकड़ी बर्मा टीक (सागौन) है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता और मजबूती के लिए जाना जाता है। इसका इस्तेमाल महंगे फर्नीचर, यॉट और लक्ज़री इंटीरियर डिज़ाइन में किया जाता है। पर्यावरणीय संरक्षण और प्रतिबंधों के चलते इसकी तस्करी आम बात हो गई है, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में एक साथ खेप पकड़ा जाना गाजियाबाद पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।

दो तस्कर गिरफ्तार, नेटवर्क की जांच जारी

गिरफ्तार तस्करों की पहचान अभी साफ़ नहीं की गई है, लेकिन पुलिस पूछताछ में तस्करों ने स्वीकार किया है कि वे हरियाणा में इस लकड़ी की डिलीवरी देने जा रहे थे। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस पूरे रैकेट के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं। साथ में भारत में कहां-कहां इस लकड़ी की खपत होती है।

जल्द बड़े खुलासे होंगे

एसीपी ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि यह कोई साधारण तस्करी नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क के तहत काम हो रहा था। उन्होंने कहा कि "तस्करों ने कानून से बचने के लिए स्क्रैप का सहारा लिया, लेकिन हमारी टीम की सजगता से यह साजिश नाकाम हो गई। जल्द ही इस नेटवर्क के और भी चेहरे सामने आएंगे।

Location : 

Published :