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10 हजार रुपये के लिए प्रॉपर्टी कुर्क करने वाले थे दरोगा-सिपाही, डीआईजी कलानिधि ने चलाया ऐसा चाबुक, मेरठ में मची खलबली

जब न्यायालय द्वारा कुर्की का आदेश जारी किया गया तो पुलिसकर्मियों ने सुशील के भाई नवीन कुमार के घर आकर तंग करना शुरू कर दिया। नवीन ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उसका भाई सुशील इस घर से संबंधित नहीं है और वह कहीं और रह रहा है। इसके बावजूद दरोगा सुरेंद्र कुमार और सिपाही राजकुमार ने नवीन को परेशान करना जारी रखा। पुलिसकर्मियों ने नवीन से कहा, "अगर तुम हमें 10,000 रुपये दे दोगे तो हम फिर नहीं आएंगे और तुम्हें परेशान नहीं करेंगे।" लेकिन जब नवीन के पास उतने पैसे नहीं थे तो पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की मांग की। अंत में नवीन ने मजबूरी में पुलिसकर्मियों को पैसे दे दिए।
Post Published By: Mayank Tawer
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10 हजार रुपये के लिए प्रॉपर्टी कुर्क करने वाले थे दरोगा-सिपाही, डीआईजी कलानिधि ने चलाया ऐसा चाबुक, मेरठ में मची खलबली

Meerut News: मेरठ पुलिस के दो कर्मियों को रिश्वत लेने और एक व्यक्ति के रिश्तेदारों को परेशान करने के मामले में निलंबित कर दिया गया है। यह मामला ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के गणेशपुरी से जुड़ा है, जहां पुलिस ने एक आरोपी की गिरफ्तारी में विफल रहने के बाद उसके रिश्तेदारों को तंग करना शुरू कर दिया था। आरोपी के भाई से रिश्वत के तौर पर 5,000 रुपये वसूलने के बाद डीआईजी तक मामला पहुंचा और उसके बाद कार्रवाई की गई।

पुलिस कर्मियों द्वारा रिश्वत की मांग

मामला सुशील कुमार नामक आरोपी से संबंधित था, जिसे पुलिस लंबे समय से तलाश रही थी। जब न्यायालय द्वारा कुर्की का आदेश जारी किया गया तो पुलिसकर्मियों ने सुशील के भाई नवीन कुमार के घर आकर तंग करना शुरू कर दिया। नवीन ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उसका भाई सुशील इस घर से संबंधित नहीं है और वह कहीं और रह रहा है। इसके बावजूद दरोगा सुरेंद्र कुमार और सिपाही राजकुमार ने नवीन को परेशान करना जारी रखा। पुलिसकर्मियों ने नवीन से कहा, “अगर तुम हमें 10,000 रुपये दे दोगे तो हम फिर नहीं आएंगे और तुम्हें परेशान नहीं करेंगे।” लेकिन जब नवीन के पास उतने पैसे नहीं थे तो पुलिसकर्मियों ने 5,000 रुपये की मांग की। अंत में नवीन ने मजबूरी में पुलिसकर्मियों को पैसे दे दिए।

डीआईजी कलानिधि नैथानी ने लिया एक्शन

नवीन कुमार ने इस घटना के बाद डीआईजी कलानिधि नैथानी से मिलने का निर्णय लिया और अपने साथ हुए उत्पीड़न की शिकायत की। डीआईजी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एसएसपी डॉक्टर विपिन ताडा को जांच के आदेश दिए। एसएसपी ने एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को जांच सौंप दी। जांच के बाद यह आरोप सही पाए गए कि पुलिसकर्मियों ने रिश्वत के लिए दबाव डाला और पीड़ित के परिवार को तंग किया। इस रिपोर्ट के आधार पर दरोगा सुरेंद्र कुमार और सिपाही राजकुमार को निलंबित कर दिया गया।

एसपी सिटी का बयान

एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि जांच में आरोप सही पाए गए थे। इसके बाद ही दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के दौरान यह पाया गया कि पुलिसकर्मियों ने न केवल रिश्वत ली, बल्कि अवैध तरीके से लोगों को परेशान भी किया।

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