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उत्तर प्रदेश की रायबरेली को एक बड़ी सौगात मिली है। पूरी खबर के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
रायबरेली में तालाबों का हुआ नवाचार (सोर्स- रिपोर्टर)
रायबरेली: रायबरेली के सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने जिले में पानी को लेकर नवाचार किया है। यह नवाचार मूल रूप से आने वाले सैकड़ों साल तक भूगर्भीय जल की समस्या से निजात दिलाएगा। बता दें कि इस नवाचार में रोजगार भी है और इससे सरकारी जमीन का संरक्षण भी होगा।
सीडीओ ने की तीन हजार डाक्यूमेंट्स की स्टडी
दरअसल सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने जिले भर के तीन हजार डाक्यूमेंट्स की स्टडी कर उसमें से पांच सौ ऐसे तालाब चिन्हित किये जो कागजों पर तो हैं लेकिन उनका अस्तित्व समाप्त हो गया है। सीडीओ ने तीन हजार डाक्यूमेंट्स की स्टडी के बाद चिन्हित ऐसे पांच सौ तालाबों में से दो सौ अभी, जबकि बाकी तीन सौ अगले वित्तीय वर्ष में मनरेगा से विकसित किये जायेंगे।
तालाबों को मत्स्य पालन के लिए दिया जाएगा- सीडीओ
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस नवाचार से वाटर रिचार्ज के अलावा इसे रोजगार से भी जोड़ने की योजना बनाई जा रही है। सीडीओ अर्पित उपाध्याय के मुताबिक इन तालाबों को मत्स्य पालन के लिए दिया जाएगा जिससे रोजगार सृजन भी होगा। वहीं, सीडीओ अर्पित उपाध्याय का यह भी मानना है कि इस योजना से सरकारी जमीन का संरक्षण भी संभव होगा।

मनरेगा के माध्यम से हो रहे इस काम को जल्द ही पूरा करने की संभावना जताई जा रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमृत सरोवरों से इतर तक यह तालाब हर वर्ष दो दो सौ की संख्या में लिए जाते हैं तो आगामी चार पांच वर्षों में जिले भर के तालाब पानी से लबालब नजर आएंगे।
हर गांव के अंदर मौजूद तालाबों होंगे चेक
अर्पित उपाध्याय ने कहा कि शासन की प्राथमिकता में तालाबों व सरोवरों का निर्माण प्रबंधन और मछली पालन प्राथमिकता वाले क्षेत्र में पहल करते हुए हमने करीब 2000 के आसपास हर गांव के अंदर तालाबों को चेक कराया। 200 तालाब ऐसे लिए हैं जहां पर मनरेगा के तहत मछली पालन व वृक्षारोपण करवाया जाएगा।
अगले वित्तीय वर्ष में मिलेंगे 100 तालाब
अर्पित उपाध्याय आगे कहते हैं कि अगले साल के लिए हमने 100 तालाब चिन्हित क़िये हैं जिनको अगले वित्तीय वर्ष में लिया जाएगा। आगे इन तालाब को अच्छे से तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने जो तालाब कहीं पट गए थे या पानी का ढंग से डिस्चार्ज नहीं था, जो सूखे पड़ गए थे और जिनका अंदर ढंग से मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा था इसको हमने ठीक करवाया है।