ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे जीरो पॉइंट पर भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत में हजारों किसानों ने भूमि अधिग्रहण, अतिरिक्त मुआवजा, जेवर एयरपोर्ट से प्रभावितों के पुनर्वास और रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी दी कि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन और तेज होगा।

ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की महापंचायत
Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की महापंचायत शुरू हो गई। इस महापंचायत में गौतमबुद्ध नगर के साथ-साथ अलीगढ़, मथुरा, हाथरस और आगरा से करीब एक हजार किसान शामिल हुए। बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों और निजी वाहनों से किसान मौके पर पहुंचे, जिससे क्षेत्र में भारी गहमागहमी देखने को मिली।
राकेश टिकैत का सरकार पर तीखा हमला
महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्र और राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि गांवों में आबादी, खेती और आजीविका से जुड़े 4-5 प्रमुख मुद्दे हैं, लेकिन सरकार उन्हें नजरअंदाज कर रही है। टिकैत ने सरकार को “लुटेरों और पूंजीवाद की सरकार” बताते हुए कहा कि इसने देश के संसाधनों पर कब्जा कर लिया है।
अरावली पर्वतमाला को लेकर जताई चिंता
राकेश टिकैत ने अरावली पर्वतमाला को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अरावली के पहाड़ राजस्थान से उड़कर आने वाली रेत को रोकते हैं, जिससे शुद्ध हवा मिलती है। लेकिन अब सरकार अरावली के 100 मीटर नीचे तक पहाड़ों की कटिंग कराने का फैसला कर रही है, जो पर्यावरण के लिए घातक है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे फैसले आखिर कौन ले रहा है।
भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की प्रमुख मांग
महापंचायत में किसानों की सबसे बड़ी मांग यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि पर 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा और 10 प्रतिशत विकसित आवासीय भूखंड देने की रही। किसानों ने स्पष्ट किया कि यह मांग केवल गौतम बुद्ध नगर तक सीमित न रखकर अलीगढ़, हाथरस, आगरा और मथुरा के सभी प्रभावित किसानों पर समान रूप से लागू की जाए।
सर्विस रोड और बुनियादी सुविधाओं की मांग
किसानों ने यमुना एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सर्विस रोड के तत्काल निर्माण की भी मांग रखी। उनका कहना है कि सर्विस रोड न होने से गांवों का संपर्क टूट गया है और किसानों को खेती-बाड़ी तथा आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के मुद्दे
जेवर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रभावित और विस्थापित किसानों के मुद्दे भी महापंचायत में प्रमुखता से उठे। किसानों ने विस्थापन नीति में संशोधन कर वर्ष 2023 के मानकों के अनुसार भूमि और संपत्ति का उचित मुआवजा देने की मांग की। उनका कहना है कि मौजूदा नीति किसानों के हितों की रक्षा करने में विफल रही है।
रोजगार और भूमिहीन किसानों की मांग
किसानों ने प्रभावित जनपदों में स्थानीय किसानों और उनके परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार देने की मांग की। विशेष रूप से जेवर एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के बच्चों को एयरपोर्ट में रोजगार सुनिश्चित करने की बात कही गई। साथ ही भूमिहीन किसानों और मजदूरों को कम से कम 120 वर्ग मीटर का भूखंड देने और यमुना विकास प्राधिकरण में न्यूनतम भूखंड का आकार भी 120 वर्ग मीटर तय करने की मांग रखी गई।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
महापंचायत के अंत में राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का समय रहते समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।