

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
प्रतीकात्मक छवि (सोर्स- इंटरनेट)
चंदौली: जिले के सकलडीहा क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में 28 वर्षीय युवक की मौत हो गई। रतनपुर गांव निवासी सनोज सोनकर रविवार तड़के रिश्तेदारी में छत से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। परिजन आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जा रहा था। फिर सोमवार अचानक घायल की हालत गंभीर हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सोमवार को शव घर पहुंचते ही पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, जानकारी के मुताबिक, रतनपुर गांव के रहने वाले शोभा सोनकर का बेटा सनोज सोनकर किसी निजी कार्य से अपने साथी के साथ सदर कोतवाली क्षेत्र के बसिला अमड़ा गांव स्थित रिश्तेदार के घर गए थे। रात हो जाने के कारण वे वहीं रुक गए। खाने-पीने के बाद सभी परिजन और मेहमान छत पर सो गए।
रविवार की भोर लगभग तीन बजे के आसपास सनोज लघुशंका के लिए उठे। अंधेरा अधिक होने के कारण उन्हें ठीक से दिखाई नहीं दिया। इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वे छत से नीचे गिर पड़े। गिरने की आवाज सुनकर घरवालों की नींद खुल गई। जब सभी ने छत से नीचे झांककर देखा तो सनोज गंभीर हालत में पड़े हुए थे।
परिजन उन्हें तुरंत जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चिकित्सकों ने जांच के बाद सनोज को मृत घोषित कर दिया। इस खबर के मिलते ही पूरे परिवार में मातम छा गया। परिजन और रिश्तेदार अस्पताल में ही रोने-बिलखने लगे।
सनोज के परिवार में दो बेटे-अमित सोनकर और हिमांशु सोनकर, और दो बेटियां-काजल और शिवानी हैं। उनकी असमय मौत से बच्चों सहित पूरे परिवार का भविष्य अंधकारमय हो गया है। मृतक के भाई अतवारू सोनकर ने बताया कि सनोज बेहद जिम्मेदार और मेहनती व्यक्ति थे। उनका अचानक इस तरह चले जाना पूरे परिवार के लिए बड़ा आघात है।
सनोज की मौत की खबर गांव में फैलते ही रिश्तेदार और परिचित उनके घर पहुंचने लगे। हर कोई परिवार के दुख में शामिल होकर उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहा था, लेकिन परिवार का हर सदस्य गहरे सदमे में है। पत्नी मीरा सोनकर, भाई अतवारू सोनकर, मनोज सोनकर, लालू सोनकर और राजेश सोनकर का रो-रोकर बुरा हाल है। सोमवार को भारी भीड़ के बीच बलुआ घाट पर सनोज का अंतिम संस्कार किया गया। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।