‘हर घर नल’ योजना बनी शोपीस, सोनभद्र के 284 गांवों में मचा हाहाकार

सोनभद्र जिले के नगवां ब्लॉक में ‘हर घर नल’ योजना पूरी तरह ठप हो गई है। वेतन न मिलने से कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं, जिससे जल सप्लाई रुक गई है। 284 गांवों के लोग पानी के लिए बेहाल हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी चुप हैं।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 1 August 2025, 1:24 PM IST

Sonbhadra: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के नगवां ब्लॉक में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। राज्य सरकार की बहुचर्चित और महत्वाकांक्षी योजना 'हर घर नल' पूरी तरह से ठप हो चुकी है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना था, लेकिन वर्तमान हालात बिल्कुल उलट हैं।

नगवां ब्लॉक के लगभग 4 दर्जन ग्राम पंचायतों के 284 गांवों में महीनों से पानी की एक बूंद तक नहीं आ रही है। गांव के लोग टोटियों की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं, लेकिन सप्लाई का नामोनिशान नहीं है। गर्मी और बारिश दोनों में शुद्ध पानी के लिए जूझ रहे ग्रामीणों की हालत बेहद दयनीय हो चुकी है।

धरने पर बैठे कर्मचारी, वेतन न मिलने से नाराज

इन सबके बीच जल निगम विभाग के कर्मचारी भी नाराज हैं। 5 महीनों से वेतन न मिलने के कारण नाराज कर्मचारी बीते दो दिनों से धरने पर बैठे हैं। उनका कहना है कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा, वे कार्य नहीं करेंगे। इसका सीधा असर 'हर घर नल' योजना पर पड़ा है, जो अब केवल एक बोर्ड और पाइपलाइन तक सिमट कर रह गई है।

धरने पर बैठे एक कर्मचारी ने बताया, हम दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला। अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब काम बंद कर दिया है।

जिम्मेदार अधिकारी सवालों से भागते नजर आए

जब इस स्थिति पर जवाब लेने के लिए अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो वे सवालों से बचते नजर आए। न तो जल निगम के अधिकारी सामने आए, न ही संबंधित ठेकेदारों ने कोई स्पष्ट जवाब दिया।

'हर घर नल-हर घर जल' पूरी तरह से ठप

सरकारी नीति को पलीता लगाने का आरोप

कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि जिले के जिम्मेदार अधिकारी योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को फेल करने में जुटे हैं। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते न योजना चल रही है, न जनता को फायदा मिल रहा है।

गांवों में मचा त्राहिमाम

वहीं गांव के लोग सरकारी नलों के नीचे बैठकर पानी के इंतजार में हैं। कई जगहों पर हैंडपंप भी सूख चुके हैं, जिससे लोगों को मीलों दूर से पानी लाना पड़ रहा है। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द योजना को फिर से शुरू किया जाए और कर्मचारियों को वेतन देकर काम बहाल किया जाए। अगर समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह संकट और गहरा सकता है।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 1 August 2025, 1:24 PM IST