

नगर में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आमजनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
बंदरों के दो गुटों का सड़कों पर आतंक ( सोर्स - रिपोर्टर )
हापुड़: नगर में बंदरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आमजनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मंगलवार को मोहल्ला कृष्ण गंज में बंदरों के दो गुटों के बीच हुई हिंसक भिड़ंत ने पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी मचा दी। करीब आधे घंटे तक सड़कों पर ही उनका आपसी संघर्ष चलता रहा, जिसके चलते लोग अपने घरों में कैद होकर रहने को मजबूर हो गए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पिलखुवा नगर पालिका क्षेत्र में कुल 25 वार्ड हैं, जिनमें से अधिकतर वार्डों में बंदरों का आतंक व्याप्त है। पिछले वर्ष नगर पालिका द्वारा लगभग 600 बंदरों को पकड़ने का दावा किया गया था, लेकिन मौजूदा हालात को देखकर लगता है कि वह अभियान नाकाफी रहा। कृष्ण गंज, सर्वोदय नगर, साकेत, रेलवे रोड गंज, बीच पट्टी, शुक्लान, मोहन नगर, रजनी विहार और रमपुरा जैसे मोहल्लों में बंदरों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
स्थानीय निवासी संजय बंसल अकेला ने बताया कि उन्होंने समाधान दिवस और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी कई बार बंदरों को पकड़वाने के लिए शिकायत दर्ज करवाई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि बंदर छतों पर घुसकर लोगों पर हमला कर रहे हैं और खाने-पीने की चीजें छीनकर ले जा रहे हैं। यहां तक कि लोग छतों पर कपड़े भी नहीं सुखा पा रहे हैं और खुले में बच्चों को बाहर खेलने नहीं भेज रहे।
लोगों ने बताया कि बंदरों को भगाने के लिए अब चिड़ीमार, गुलेल, डंडे और अन्य देशी उपाय अपनाने पड़ रहे हैं, लेकिन ये उपाय भी अब कारगर नहीं हो पा रहे हैं। मोहल्ले में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं के लिए घर से निकलना खतरे से खाली नहीं है। वहां के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। जिससे बचाव के लिए लोग खुद को घरों में कैद कर रखे हैं।
इस मुद्दे पर नगर पालिका चेयरमैन विभू बंसल ने कहा है कि बंदरों को पकड़ने के लिए जल्द ही एक पेशेवर टीम को टेंडर देकर अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि नगरवासियों को बंदरों के आतंक से जल्द राहत दिलाई जाएगी। जिससे नगरवासी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे।
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