

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में भ्रष्टाचर से पर्दा उठ गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में चार साल पुराने भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। पूरा मामला मौदहा क्षेत्र का है। जहां खंडेह गांव में 2021 में बिना काम कराए ही मनरेगा योजनांतर्गत करोड़ो रुपये की धनराशि की निकासी हुई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पुलिया निर्माण का कार्य शुरु हो गया है। इस पूरे मामले में स्थानीय ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच विवाद और जांच की प्रक्रिया भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस मामले में मौदहा विकासखंड के खंडेह गांव में वर्ष 2021 में कागजों में तीन अलग-अलग कार्य दर्शाकर कुल 12.84 लाख रुपये की धनराशि निकाली गई थी। इसमें मुख्य रुप से पुलिया, चकरोड और घाट निर्माण शामिल थे। इन सब कार्यं का जमीनी स्तर पर कोई काम नही हुआ था। ग्रामीणों ने जब इसकी शिकायत की तो जांच के नाम पर खानापूर्ति कर असे दबाने का प्रयास किया गया।
इस मामले में पुलिया निर्माण के नाम पर 3,89,344 रुपये,चकरोड निर्माण के लिए 2,45,200 रुपये और घाट का निर्माण के लिए 64,776 रुपये की घनराशि निकाली गई। ग्रामीणों ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि इन योजनाओं के नाम पर धनराशि का बंदरबांट किया गया। इस ममाले में तत्कालीन ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक की भूनि संदिग्ध रही। इसके बावजूद,भ्रष्टाचार करने वालों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है
स्थीनीय प्रशासन खंडेह गांव मं पुलिस का निर्माण कार्य शुरु होने के बाद भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद ही खंडेह गांव में पुलिया का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। इस पुलिया का निर्माण प्रशासन की तरह से 2021 में ही दिखा दिया गया था।
हमीरपुर जिले में राजस्व विभाग से जुड़ी एक बड़ी अनियमितता का खुलासा हुआ है, जिसमें करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि को निजी पक्षों को लाभ पहुंचाने की नीयत से अकृषिक भूमि दिखा दिया गया। यह घोटाला हमीरपुर मुख्यालय के डीएम आवास के नजदीक स्थित 58.14 एकड़ बेशकीमती कृषि भूमि से जुड़ा हुआ है।
इस मामले में रिकॉर्ड में हेराफेरी कर भूमि को अकृषिक दिखाया गया और लाभार्थियों को अनुचित लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। यह भूमि मेरापुर डांडा की 51.89 एकड़ और भिलावां डांडा की 6.25 एकड़ में फैली हुई है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 500 करोड़ रुपये आंकी गई है।