

जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक ग्राम प्रधान को गोलियों से चुनावी रंजिश में छलनी कर दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Pradhan Dharmendra Tomar
बागपत: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के सिरसली गांव में बुधवार शाम को एक ताश की महफिल अचानक खूनखराबे में बदल गई। इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। ग्राम प्रधान धर्मेंद्र तोमर उर्फ धर्मा पर यह गोलीबारी चुनावी रंजिश के चलते हुई है। इस वारदात में प्रधान धर्मेंद्र की मौत हो गई और एक ग्रामीण विनोद घायल हुआ है। जिसे प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, सिरसली गांव के बाहरी हिस्से में टेंपो स्टैंड के पास बुधवार शाम करीब 7 बजे धर्मेंद्र तोमर अपने दोस्तों के साथ ताश खेल रहे थे। इसी दौरान अचानक बाइक सवार दो हमलावर आए। हमलावारों ने चुनाव को लेकर पहले बातचीत की और फिर गोलियां चलानी शुरू कर दी। हमलावरों ने लगभग चार से पांच राउंड फायर किए। जिसमें धर्मेंद्र को सीने और सिर में गंभीर चोटें आई। वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े।
गोलियों की आवाज से गांव की गलियां थर्रा उठी
इस हादसे के बाद पूरे गांव में दहशत फैल गई। गोलियों की आवाज से गांव की गलियां थर्रा उठी। ग्रामीण भयभीत होकर इधर-उधर भागने लगे। गोलीबारी के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। हमले के तुरंत बाद घायल धर्मेंद्र और विनोद को अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में धर्मेंद्र को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और विनोद की स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
अपराधी एक कुख्यात बदमाश का बेटा
यह हमला चुनावी रंजिश का परिणाम है। धर्मेंद्र तोमर वर्तमान में ग्राम प्रधान हैं और पूर्व प्रधान भूपेंद्र गुट से जुड़े हुए हैं। जिनकी कुछ समय पहले हत्या हो चुकी है। माना जा रहा है कि यह हमला उसी रंजिश का ही हिस्सा है। हमलावरों में से एक की पहचान आयुष के रूप में हुई है। जो एक कुख्यात बदमाश का बेटा है। दूसरा हमलावर अभी अज्ञात है। गोलीबारी इतनी अचानक थी कि गांव की सामान्य स्थिति भी भंग हो गई।
हर गली और नुक्कड़ पर पुलिस बल तैनात
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत ही घटनास्थल पर पहुंच गए। पूरे गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। हर गली और नुक्कड़ पर पुलिस बल तैनात है। गांव में फैले भय और तनाव को देखते हुए जिला पुलिस ने एक विशेष जांच टीम गठित कर दी है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्यारों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
हत्या के प्रयास में जेल से कुछ दिनों पहले छूटा अपराधी
पुलिस ने बताया कि हमलावर आयुष हिस्ट्रीशीटर का परिवार का सदस्य है। जिसके खिलाफ करीब 12 मुकदमे दर्ज हैं। आयुष का पिता और उसके अन्य परिजन भी इस रंजिश में शामिल हैं। आयुष पहले हरिद्वार जेल में हत्या के प्रयास के मामले में बंद था। कुछ दिन पहले जमानत पर बाहर आया था। उसकी छवि एक कुख्यात अपराधी की है।