Gorakhpur: मंगलवार की शाम गोरखपुर के खजनी इलाके में दिल दहला देने वाला मामला हुआ। एक महिला ने अपनी मासूम बच्ची के साथ आमी नदी में छलांग लगा दी। पारिवारिक कलह से परेशान यह महिला अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला कर चुकी थी, लेकिन किस्मत ने उसे दूसरा मौका दिया। छताई पुल पर गश्त कर रही पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों को बचा लिया।
बच्ची को लेकर मरने के लिए पहुंची
खुश्बू पत्नी गोपीचंद काफी समय से पारिवारिक विवादों और तानों से परेशान थी। मंगलवार शाम वह अपनी गोद में बच्ची को लेकर आमी नदी की पुलिया पर पहुंची। वह कुछ देर तक पुल के किनारे खड़ी रही और फिर नीचे कूदने के लिए झुकी, तभी गश्त में निकले पुलिसकर्मियों की नजर उस पर पड़ गई।
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थाना अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा
पुलिस ने जब तक महिला को रोकने की कोशिश की, तब तक वह आत्महत्या के लिए पूरी तरह तैयार हो चुकी थी। उसने कई बार खुद को छुड़ाने का प्रयास किया। स्थिति इतनी विकट हो गई कि मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों के भी पसीने छूट गए। तभी वीआईपी ड्यूटी से लौट रहे खजनी थानाध्यक्ष अपने फोर्स के साथ पहुंचे और मौके पर मोर्चा संभाला। उन्होंने किसी तरह महिला को शांत कराया और बच्ची समेत सुरक्षित थाने लेकर आए।
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पुलिस ने समझाया
थाने पर महिला को पानी पिलाया गया और काउंसलिंग शुरू की गई। इसी बीच खजनी पुलिस ने महिला के पिता बजरंगी निवासी औजी (थाना बांसगांव) को सूचना दी। कुछ देर बाद जब पिता थाने पहुंचे तो पूरा घटनाक्रम सुनकर उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। पुलिस ने उन्हें समझाया कि वह बेटी को मानसिक संबल दें और परिवार में सुलह का माहौल बनाएं।
मां-पिता के साथ लौटी मायके
काफी समझाने-बुझाने और भावनात्मक बातचीत के बाद महिला आखिरकार अपने माता-पिता के साथ मायके लौट गई। स्थानीय लोगों ने खजनी पुलिस की इस त्वरित और संवेदनशील कार्रवाई की सराहना की। उनका कहना था कि अगर पुलिस मौके पर न पहुंचती तो एक मासूम बच्ची समेत दो जिंदगियां नदी की लहरों में समा जाती।

