Gorakhpur News: खजनी तहसील दिवस में 19 विभागों के अधिकारी नदारद, SDM हुए सख्त मांगा स्पस्टीकरण

मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर जनपद के खजनी तहसील में अयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर सोमवार को फरियादियों की भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन 19 विभागों के अधिकारी नदारद रहने से अधिकांश समस्याओं का मौके पर समाधान नहीं हो पाया ,पढिए पूरी खबर

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 18 August 2025, 4:42 PM IST
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गोरखपुर:  उतर प्रदेश मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर जनपद के खजनी तहसील में अयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर सोमवार को फरियादियों की भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन 19 विभागों के अधिकारी नदारद रहने से अधिकांश समस्याओं का मौके पर समाधान नहीं हो पाया। इससे नाराज लोगों में अधिकारियों की लापरवाही को लेकर एसडीएम खजनी का गुस्सा फूट पड़ा। उपजिलाधिकारी खजनी राजेश प्रताप सिंह ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए अनुपस्थित विभागीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है और जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कार्रवाई की संस्तुति भी की है।

फरियादियों की समस्याएं...

तहसील दिवस का उद्देश्य होता है कि आम जनता की समस्याओं का एक ही छत के नीचे निस्तारण किया जा सके। लेकिन खजनी तहसील में इस बार जिम्मेदारी की अनदेखी खुलकर सामने आई। जिन विभागों के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, उनमें खण्ड विकास अधिकारी सहजनवां व उरुवा, खंड शिक्षा अधिकारी बांसगांव व बेलघाट, पशु चिकित्सालय हरनहीं, सहायक अभियंता विद्युत खजनी, सहायक अभियंता सरयू नहर खंड गोरखपुर, सहायक अभियंता यूपीएगे, आबकारी निरीक्षक बांसगांव, मत्स्य निरीक्षक खजनी, सहायक विकास अधिकारी (सरकारी समितियां), सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण), क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, थाना अध्यक्ष खजनी व थाना अध्यक्ष उरुवा सहित कुल 19 विभागों के जिम्मेदार शामिल रहे। इनकी अनुपस्थिति के कारण फरियादियों की समस्याएं अनसुनी रह गईं।

जनता की समस्याओं को प्राथमिकता..

सोमवार को तहसील दिवस में कुल 17 मामले प्रस्तुत हुए, जिनमें से मात्र चार मामलों का निस्तारण मौके पर किया जा सका। सबसे अधिक शिकायतें पूर्ति विभाग, खजनी ब्लॉक, जल संस्थान और राजस्व विभाग से जुड़ी हुई रहीं। समाज कल्याण विभाग की एक शिकायत भी दर्ज की गई। कई मामलों को विभागीय अधिकारियों को आगे की कार्यवाही के लिए प्रेषित कर दिया गया। एसडीएम राजेश प्रताप सिंह ने साफ कहा कि तहसील दिवस की व्यवस्था में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से सुनना और समाधान करना ही सरकारी तंत्र का पहला कर्तव्य है।

लोगों का कहना था कि जब जिम्मेदार ही जनता की समस्याओं से मुंह मोड़ लेंगे तो फिर तहसील दिवस का आयोजन करने का कोई औचित्य नहीं बचता। ग्रामीणों ने मांग की कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में फरियादियों को न्याय पाने में बाधा न हो। खजनी तहसील दिवस की इस लापरवाही ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर आम जनता की फरियाद सुनने की जिम्मेदारी कब गंभीरता से निभाई जाएगी।

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