खजनी की 14 वर्षीय प्रांजलि दुबे ने अपने जन्मदिन पर गरीब और दिव्यांग लोगों को गर्म कपड़े वितरित कर समाज के लिए प्रेरणादायक मिसाल पेश की। ठंड में राहत बांटने वाली यह पहल छोटे बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई।

प्रांजलि दिव्यांगों को बांटी गर्म शॉल
Gorakhpur: आजकल जन्मदिन का जश्न महंगे केक, पार्टी और दिखावे तक सीमित होता जा रहा है। खजनी क्षेत्र की 14 वर्षीय प्रांजलि दुबे उर्फ बिट्टू ने इसे पूरी तरह बदलकर समाज के लिए प्रेरणा बन दिया। प्रांजलि ने अपने जन्मदिन को गरीब और दिव्यांग लोगों के लिए सेवा का अवसर बनाया। ठंड के मौसम में उसने जरूरतमंदों को गर्म शॉल और चादरें वितरित कर उनके चेहरों पर राहत और मुस्कान लाकर समाज के सामने एक मिसाल पेश की।
प्रांजलि दुबे ने अपने जन्मदिन के दिन घर से निकलकर गांव और आसपास के इलाकों में जरूरतमंद गरीब और दिव्यांग लोगों तक गर्म कपड़े पहुंचाए। कड़ाके की ठंड में कांप रहे लोगों के चेहरे पर राहत देख कर यह स्पष्ट हो गया कि छोटे-छोटे कदम भी बड़ी खुशियां ला सकते हैं। प्रांजलि ने कहा कि जब आसपास लोग ठंड से परेशान हैं तो सिर्फ केक काटना मुझे सही नहीं लगा। अगर किसी को ठंड से थोड़ी राहत मिल जाए। वही मेरे लिए सबसे बड़ा तोहफा होगा।
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स्थानीय लोगों ने प्रांजलि की इस पहल की जमकर तारीफ की। ग्रामीणों ने कहा कि इतनी कम उम्र में समाज के प्रति इतनी गहरी संवेदना देख कर उम्मीद और प्रेरणा दोनों मिलती हैं। प्रांजलि ने साबित कर दिया कि उम्र छोटी हो सकती है लेकिन सोच और भावना बहुत बड़ी हो सकती है।
इस छोटे-से प्रयास ने जन्मदिन को केवल व्यक्तिगत उत्सव नहीं बल्कि समाज सेवा का प्रतीक बना दिया। ठंड में राहत और मुस्कान बांटने के इस कदम ने लोगों के दिलों को छू लिया। यह संदेश भी दिया कि जन्मदिन केवल अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों की मदद करने का अवसर भी हो सकता है।
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प्रांजलि दुबे की यह पहल युवाओं और बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बनी। उन्होंने दिखा दिया कि छोटी उम्र में भी समाज के लिए बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। उनका जन्मदिन मानवता की गर्माहट हर उस व्यक्ति तक पहुंची जिसने इसे देखा या अनुभव किया।