

गोरखपुर के महिला थाना स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने एक बार फिर टूटने की कगार पर पहुंच चुके दांपत्य जीवन को नई जिंदगी दी। लगातार काउंसलिंग और आपसी समझ के जरिए इस दंपती के रिश्ते को फिर से मजबूत किया गया।
गोरखपुर परामर्श केंद्र
Gorakhpur: गोरखपुर के महिला थाना स्थित परिवार परामर्श केंद्र ने एक बार फिर टूटने की कगार पर पहुंच चुके दांपत्य जीवन को नई जिंदगी दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जनपद गोरखपुर के निर्देशानुसार केंद्र की टीम ने निशा और गामा के बीच चले आ रहे वैवाहिक मन मुटाव को सुलझाने में सराहनीय कार्य किया। लगातार काउंसलिंग और आपसी समझ के जरिए इस दंपती के रिश्ते को फिर से मजबूत किया गया।
डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट के अनुसार निशा और गामा के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद उनके परिवार को बिखरने की कगार पर ले आया था। परिवार परामर्श केंद्र की टीम ने दोनों पक्षों को धैर्यपूर्वक सुना और उनकी समस्याओं का मूल कारण समझने की कोशिश की। काउंसलरों ने सतत् प्रयासों और संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ पति-पत्नी के बीच की गलत फहमियां दूर कीं।
दोनों पक्षों और उनके परिवार वालों को समझा-बुझाकर एकजुट किया गया। इस प्रक्रिया में आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया।परिणामस्वरूप, निशा और गामा ने बिना किसी दबाव के खुशी-खुशी एक साथ रहने का फैसला किया। दोनों ने वादा किया कि वे अब अपनी जिम्मेदारियों को मिलकर निभाएंगे और अपने रिश्ते को नया मौका देंगे।
इस प्रकरण में काउंसलर डॉ. विकास मणि त्रिपाठी, वशिष्ठ राय, अवनीश चौधरी, शिव प्रसाद शुक्ला, अमन सिंह, मु. आरक्षी अनीता यादव, आरक्षी ऋतु सिंह और आरक्षी अनीसा चौहान की भूमिका उल्लेखनीय रही। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस परिवार को फिर से एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।परिवार परामर्श केंद्र, गोरखपुर ने इस दंपती के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। यह घटना दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन, संवेदनशीलता और आपसी समझ से टूटते रिश्तों को भी बचाया जा सकता है। केंद्र का यह प्रयास समाज में परिवारों को जोड़े रखने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।