

गोरखपुर: खजनी तहसील में ADM की छापेमारी से प्राइवेट कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: खजनी तहसील में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब जिला प्रशासन ने प्राइवेट कर्मचारियों की जांच के लिए औचक छापेमारी की। लंबे समय से तहसील में प्राइवेट मुंशियों के महत्वपूर्ण पदों पर कब्जा जमाने और अनियमितताओं की शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों को मीडिया में प्रमुखता से उठाए जाने के बाद मामला गंभीर हो गया। जिलाधिकारी कृष्ण कुमार करुणेश ने इसे गंभीरता से लिया और अपर जिलाधिकारी (वित्त) बिनीत कुमार सिंह को जांच के लिए भेजा। बुधवार शाम करीब 4 बजे एडीएम ने खजनी तहसील में छापा मारा, जिससे वहां हड़कंप मच गया।
हालांकि, छापेमारी के दौरान कोई प्राइवेट मुंशी मौके पर नहीं मिला। सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों के आने की खबर पहले ही प्राइवेट कर्मचारियों को लग चुकी थी, जिसके चलते वे मौके से फरार हो गए। खजनी तहसील सहित जिले की कई अन्य तहसीलों में प्राइवेट मुंशियों का दबदबा रहा है, जहां महत्वपूर्ण कार्यों का जिम्मा इन्हीं के पास था। इस अनियमितता का मुद्दा जब मीडिया और सोशल मीडिया पर उछला, तो यह उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया।
डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई ने प्राइवेट कर्मचारियों में खलबली मचा दी।जिला प्रशासन की इस सक्रियता से तहसील में पारदर्शिता और नियमों के पालन की उम्मीद जगी है। हालांकि, इस बार प्राइवेट कर्मचारी बच निकले, लेकिन भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां अनियमितताओं पर अंकुश लगा सकती हैं।
यह छापेमारी प्रशासन की सख्ती का संदेश तो देती ही है, साथ ही यह सवाल भी उठता है कि क्या तहसीलों में प्राइवेट कर्मचारियों की मनमानी पर स्थायी रोक लग पाएगी?
रोचक तथ्य
मीडिया व सोशल मीडिया पर प्राइवेट मुंशियों की शिकायतें व खबरे वायरल होने के बाद प्रशासन को तुरंत एक्शन लेना पड़ा। क्या यह कार्रवाई तहसील के कामकाज को और पारदर्शी बनाएगी? यह भविष्य में देखना रोचक होगा।
उक्त मामले पर एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि आज बुधवार को एडीएम बिनीत कुमार सिंह द्वारा जांच किया गया ,लेकिन तहसील में कोई प्राइवेट मुशी नही दिखे। इस छापेमारी ने प्राइवेट कर्मचारियों के बीच हड़कंप मचा दिया है, देखने वाली बात होगी छापेमारी के बाद तहसील में कितना बदलाव होगा।