

न्यायालय ने एक बार फिर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून के शिकंजे से अपराधी बच नहीं सकते। वर्ष 2024 में थाना गुलरिहा क्षेत्र में पंजीकृत गैर इरादतन हत्या के मामले में कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाई।
गोरखपुर में दोषी को मिली सजा
Gorakhpur: न्यायालय ने एक बार फिर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून के शिकंजे से अपराधी बच नहीं सकते। वर्ष 2024 में थाना गुलरिहा क्षेत्र में पंजीकृत गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी पाए गए अभियुक्त धर्मेन्द्र पुत्र रामलखन निवासी चक्खान मोहम्मद चक टोला सलेमपुर, थाना गुलरिहा को मा0 न्यायालय ने 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 20,000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
यह फैसला पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान की बड़ी सफलता के रूप में सामने आया है।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य लंबित गंभीर अपराधों में दोषसिद्धि सुनिश्चित कर अपराधियों को सजा दिलाना और समाज में कानून के प्रति विश्वास मजबूत करना है।
इस प्रकरण में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के निर्देशन में विवेचक उपनिरीक्षक विवेक मिश्रा, थाने के पैरोकार तथा मॉनिटरिंग सेल ने प्रभावी पैरवी करते हुए केस को मजबूती से न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया। परिणामस्वरूप जिला एवं सत्र न्यायाधीश गोरखपुर ने अभियुक्त धर्मेन्द्र को दोषी करार देते हुए कठोर दंड सुनाया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मामला मु0अ0सं0 290/2024 धारा 304 भादवि से संबंधित था। घटना में धर्मेन्द्र की संलिप्तता सिद्ध होने के बाद पुलिस ने सशक्त साक्ष्य व गवाही न्यायालय में प्रस्तुत किए।
वहीं, इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से DGC क्रिमिनल श्री प्रियनंद सिंह तथा ADGC श्री जयनाथ यादव ने अहम भूमिका निभाई। उनकी मेहनत और कानूनी पैरवी ने ही अभियुक्त की दोषसिद्धि सुनिश्चित कराई।
जिला पुलिस प्रशासन ने कहा कि ऐसे फैसले समाज में कानून का भय उत्पन्न करते हैं और आम नागरिकों को न्याय दिलाने की दिशा में यह बड़ा कदम है। वहीं, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन कनविक्शन के तहत गंभीर अपराधों में दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का अभियान लगातार जारी रहेगा।
यह फैसला उन परिवारों के लिए भी राहत लेकर आया है जिन्होंने अपराध का दर्द झेला है। पुलिस विभाग का दावा है कि भविष्य में भी इस तरह के मामलों में त्वरित विवेचना और प्रभावी पैरवी के जरिए अपराधियों को कानून के कठघरे तक पहुंचाया जाएगा।
कुल मिलाकर, धर्मेन्द्र को मिली यह सजा न केवल न्याय की जीत है बल्कि अपराधियों के लिए एक सख्त चेतावनी भी है कि गुनाह चाहे जैसा हो, कानून की पकड़ से बच पाना असंभव है