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एनआईए अधिकारी बनकर की ठगी, जानिए साइबर पुलिस ने कैसे लौटाए 13.87 लाख रुपये

यह सफलता साइबर पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिसने न केवल पीड़ित को न्याय दिलाया बल्कि लोगों को यह संदेश भी दिया कि ठगी की स्थिति में घबराने के बजाय तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
Post Published By: Mayank Tawer
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एनआईए अधिकारी बनकर की ठगी, जानिए साइबर पुलिस ने कैसे लौटाए 13.87 लाख रुपये

Gorakhpur: मेहनत की गाढ़ी कमाई ठगने वाले साइबर अपराधियों पर अब पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। जनपद के गोरखनाथ थाना क्षेत्र अंतर्गत आदित्य नगर नथमलपुर निवासी इंद्रजीत शुक्ला के खाते से ऑनलाइन जालसाजों ने करीब 13 लाख 87 हजार 456 रुपए हड़प लिए थे। ठगी के बाद जब उन्होंने हिम्मत करके साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उनकी पूरी रकम वापस दिलाने में सफलता हासिल की।

क्या है पूरा मामला

जालसाज ने व्हाट्सएप कॉल के जरिए खुद को एनआईए अधिकारी बताकर इंद्रजीत शुक्ला को झांसे में लिया। ठग ने धमकी दी कि उनकी बातचीत पाकिस्तानी आतंकवादियों से होती रही है, और अगर बचना है तो बताए गए खाते में रुपये जमा करो, वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। भयभीत शुक्ला ने बिना देर किए 13,87,456 रुपये खाते में ट्रांसफर कर दिए। बाद में जब उन्हें ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साइबर थाना गोरखपुर में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने तत्काल एक्शन लिया

शिकायत मिलते ही साइबर थाना प्रभारी मोहम्मद राशिद खान, निरीक्षक सुभाष चंद्र, वरिष्ठ उपनिरीक्षक उपेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल उपेंद्र सिंह और कांस्टेबल प्रमोद यादव की टीम ने अथक प्रयास शुरू किया। लगातार तकनीकी जांच, बैंकिंग ट्रांजेक्शन ट्रैकिंग और समन्वय के बाद टीम ने सफलता पूर्वक पूरी रकम पीड़ित के खाते में वापस दिला दी।

पुलिस हर नागरिक के साथ खड़ी

रुपये वापस मिलने की सूचना मिलते ही इंद्रजीत शुक्ला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने एसपी सिटी अभिनव त्यागी को बुके भेंटकर पूरी साइबर टीम का आभार जताया और कहा कि अब उन्हें दोबारा विश्वास हो गया है कि पुलिस हर नागरिक के साथ खड़ी है।

कैसे करें शिकायत

यह सफलता साइबर पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जिसने न केवल पीड़ित को न्याय दिलाया बल्कि लोगों को यह संदेश भी दिया कि ठगी की स्थिति में घबराने के बजाय तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करानी चाहिए।

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