

मथुरा-वृंदावन में यमुना का जलस्तर बढ़ने से 23 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और कई कॉलोनियों में चार फीट तक पानी भर गया है। प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है। अब तक 1500 लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
Lucknow: उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश के चलते यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसका सीधा असर मथुरा-वृंदावन और आस-पास के इलाकों में देखने को मिल रहा है। यमुना का पानी दर्जनों गांवों और कॉलोनियों में घुस चुका है, जिससे हालात गंभीर हो गए हैं।
एक दर्जन गांव बने टापू, 1500 लोग विस्थापित
मथुरा जिले के नौहझील, मांट, छाता और अन्य यमुना से सटे क्षेत्रों के 23 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें 13 गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं, जिनमें नौहझील क्षेत्र के नौ गांव शामिल हैं। अब तक 1500 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। प्रशासन की ओर से नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
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मथुरा-वृंदावन की यमुना खादर स्थित कॉलोनियों में चार फीट तक पानी भर चुका है। कई कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं और अन्य में धीरे-धीरे पानी प्रवेश कर रहा है। यमुना का जलस्तर हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए 3.29 लाख क्यूसेक पानी के कारण लगातार बढ़ रहा है, जिससे हालात बेकाबू होते जा रहे हैं।
मथुरा-वृंदावन में तबाही का साया
घाटों और सड़कों पर फैला यमुना का पानी
वृंदावन में यमुना नदी घाटों से बाहर निकलकर कॉलोनियों, गलियों और सड़कों पर फैल चुकी है। केसी घाट और देवराह बाबा घाट को बंद कर दिया गया है। जगन्नाथ घाट और कालिदह मार्ग की सड़कों पर यमुना का पानी भर गया है। प्रशासन ने यहां बैरिकेडिंग कर सुरक्षा के उपाय किए हैं।
पुलिस और पीएसी की तैनाती, बचाव कार्य जारी
किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए घाटों पर पुलिस बल और पीएसी की तैनाती की गई है। राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है। प्रशासन द्वारा पशुओं के लिए भी सुरक्षित आश्रय की व्यवस्था की गई है।
हाई अलर्ट जारी, लोगों से सतर्क रहने की अपील
डीएम और आला अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। शुक्रवार और शनिवार को हाई अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निचले इलाकों को खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।