सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश के जनपद सुलतानपुर के कादीपुर विकासखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय हरिहरपुरकला में शिक्षक के पद पर कार्यरत गंगा राम पुत्र रामसागर द्वारा फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने का बड़ा मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि आरोपी ने एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग वर्षों में कई जन्मतिथियों और रोल नंबरों के साथ हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण होने का फर्जीवाड़ा किया।
शिकायत पर जब शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की तो सामने आया कि गंगाराम ने….
वर्ष 1999 में जलालपुर, अंबेडकरनगर से हाईस्कूल उत्तीर्ण होने का दावा किया
वर्ष 2004 में फिर से हाइस्कूल पास करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया
वर्ष 2005 में भी एक और प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया
ऑनलाइन आवेदन में भी गड़बड़ी
तीनों प्रमाण पत्रों में जन्मतिथि अलग-अलग थी और परीक्षा बोर्ड भी अलग थे। इतना ही नहीं, संस्कृत शिक्षा परिषद से भी फर्जी अंक पत्र प्रस्तुत किया गया।जांच में यह भी सामने आया कि नियुक्ति के लिए किए गए ऑनलाइन आवेदन में गंगाराम ने झूठा घोषणा पत्र दिया, जिसमें उसने पहले किसी भी सरकारी सेवा में कार्यरत न होने की बात कही थी, जबकि सच्चाई इसके विपरीत थी।
न सेवा सत्यापन, न ही दस्तावेज सत्यापन..
पूर्व में उसकी सेवा सत्यापन दस्तावेजों की जांच किसी स्तर पर अनुमोदित नहीं हो पाई थी। जिला स्तरीय समिति ने भी जब साक्ष्यों की पड़ताल की तो फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई। न्यायालय या किसी सक्षम प्राधिकारी से भी कोई राहत आदेश प्राप्त नहीं किया गया।
एफआईआर दर्ज, रिकवरी की तैयारी
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दी गई संस्तुति पर संबंधित शिक्षक गंगाराम के विरुद्ध कादीपुर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है। इसके साथ ही विभागीय स्तर पर उसकी सेवा समाप्ति एवं वेतन की रिकवरी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
जांचकर्ता अधिकारियों में शामिल रहे
खंड शिक्षा अधिकारी धनपतगंज
वरिष्ठ लिपिक/लेखा सहायक
विद्यालय प्रधानाध्यापक
एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी
प्रशासन सख्त, फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं
जिला शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी प्रकार के फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाना अब दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा, और ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई की जाएगी।