

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में क्रांतिकारी आंदोलन का प्रतीक बने काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को फतेहपुर के प्रेक्षागृह में एक भव्य देशभक्ति महोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ‘हर घर तिरंगा अभियान 2025’ के अंतर्गत आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करना और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद करना था।
फतेहपुर की गलियों में गूंजा इतिहास
Fatehpur: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में क्रांतिकारी आंदोलन का प्रतीक बने काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर शुक्रवार को फतेहपुर के प्रेक्षागृह में एक भव्य देशभक्ति महोत्सव का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम ‘हर घर तिरंगा अभियान 2025’ के अंतर्गत आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करना और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को याद करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न विद्यालयों के छात्रों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों, नृत्यों और नाटकों से हुई। इन प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देश के गौरवशाली इतिहास की झलक दिखाई और स्वतंत्रता आंदोलन की भावनाओं को पुनः जीवंत कर दिया। इसके साथ ही भाषण और लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें छात्रों ने देशभक्ति से ओतप्रोत विचार प्रस्तुत किए।
पीएम श्री राजकीय इंटर कॉलेज फतेहपुर के छात्र अमन कुमार कैथल ने भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान और लेखन में द्वितीय स्थान प्राप्त कर प्रतिभा का प्रदर्शन किया। सूरज ने भाषण में दूसरा और मयंक राज कैथल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इन प्रतिभाशाली छात्रों को समारोह में विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
समारोह में जिलाधिकारी रविन्द्र सिंह, बिंदकी विधायक जय कुमार सिंह ‘जैकी’, जहानाबाद विधायक राजेन्द्र सिंह पटेल, खागा विधायक कृष्णा पासवान, और भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और मेडल प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में जिले के कई वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया। आयोजकों द्वारा उन्हें साल ओढ़ाकर नमन किया गया और उनके योगदान को याद किया गया। आयोजकों ने बताया कि इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को इतिहास से जोड़ना और उन्हें यह संदेश देना है कि आज़ादी केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी भी है।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ और ‘जन गण मन’ के सामूहिक गायन के साथ हुआ, जिसने समारोह को एक भावनात्मक और प्रेरणादायक विराम दिया।