फतेहपुर: आंगनवाड़ी केंद्र पर पर बवाल, दाल में निकले कीड़े

फतेहपुर जिले के छिवलहा कस्बे में आंगनवाड़ी केंद्र से वितरित किए जा रहे पोषाहार की गुणवत्ता को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय महिलाओं ने केंद्र से मिले चने की दाल के पैकेट में कीड़े निकलने की शिकायत की है।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 24 August 2025, 5:53 PM IST
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फतेहपुर:  उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के छिवलहा कस्बे में आंगनवाड़ी केंद्र से वितरित किए जा रहे पोषाहार की गुणवत्ता को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय महिलाओं ने केंद्र से मिले चने की दाल के पैकेट में कीड़े निकलने की शिकायत की है। इसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने इसे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकत्री सुमित्रा देवी मौर्य द्वारा आधा किलो वजन के चने की दाल के पैकेट बांटे जा रहे थे। महिलाओं का कहना है कि जब उन्होंने पैकेट खोला तो उसमें घुन और कीड़े दिखाई दिए। इसको लेकर पुष्पा देवी, सावित्री, सुनीता मौर्य, माया देवी और शबा समेत कई महिलाओं ने विरोध दर्ज कराया। ग्रामीण महिलाओं ने साफ कहा कि बच्चों को पोषण देने के नाम पर खराब सामग्री बांटी जा रही है, जो उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकती है।

वास्तविक जिम्मेदारों पर कार्रवाई...

जब इस बारे में आंगनवाड़ी कार्यकत्री से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें जैसी दाल आपूर्ति की गई है, वैसी ही वे लाभार्थियों को बांट रही हैं। कार्यकत्री ने यह भी कहा कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी देना जरूरी है ताकि वास्तविक जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके।

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आंगनवाड़ी केंद्रों पर गुणवत्ताहीन पोषाहार...

मामले की गंभीरता को देखते हुए उप जिलाधिकारी (एसडीएम) अभिनीत कुमार ने तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में आंगनवाड़ी केंद्रों पर गुणवत्ताहीन पोषाहार न पहुंच सके।

दोषियों के खिलाफ सख्त कदम...

ग्रामीण महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और बच्चों को बेहतर गुणवत्ता का पोषण सामग्री उपलब्ध कराया जाए। इस घटना ने पोषाहार आपूर्ति व्यवस्था की पोल खोल दी है और एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि योजनाओं के लाभार्थियों तक गुणवत्तापूर्ण सामग्री क्यों नहीं पहुंच पा रही है।

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