नेपाल बॉर्डर पर फर्जी आधार रैकेट का भंडाफोड़, एसटीएफ ने मास्टरमाइंड को दबोचा; लाखों की ठगी का खुलासा

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नेपाल–बहराइच बॉर्डर पर चल रहे फर्जी आधार कार्ड रैकेट का पर्दाफाश किया है। शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को एसटीएफ ने इस संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 12 December 2025, 3:13 PM IST

Lucknow: उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नेपाल–बहराइच बॉर्डर पर चल रहे फर्जी आधार कार्ड रैकेट का पर्दाफाश किया है। शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को एसटीएफ ने इस संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पोर्टल के जरिए कूटरचित जन्म और निवास प्रमाण पत्र तैयार कर हजारों लोगों के फर्जी आधार कार्ड बनाने का खेल लंबे समय से चला रहा था।

रैकेट का मास्टरमाइंड बहराइच से गिरफ्तार

एसटीएफ ने सुबह 4:30 बजे थाना मुर्तिहा क्षेत्र स्थित रजनवा नेपाल बॉर्डर से आरोपी प्रमोद निषाद (उम्र 28) को गिरफ्तार किया। वह बहराइच के सेमरी मलमला गांव का निवासी है और बीएससी पास है। गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ ने उसके पास से दो मोबाइल फोन, लैपटॉप, बायोमैट्रिक और रेटिना स्कैनर, वेबकैम, एटीएम कार्ड, चेकबुक, 2,680 रुपए नकद और एक हुंडई वरना कार (DL 12 CM 3305) बरामद की।

जालसाजी का तरीका: पोर्टल से मिनटों में बनते थे नकली प्रमाण पत्र

जांच में सामने आया कि आरोपी ने 2021 में जन सेवा केंद्र चलाना शुरू किया और 2022 में “निषाद कंप्यूटर सेंटर” नाम से अपना केंद्र खोला। इसके बाद उसकी मुलाकात टेलीग्राम पर अकील सैफी नाम के व्यक्ति से हुई, जिसने उसे आधार कार्ड बनाने का फर्जी पोर्टल और कूटरचित प्रमाण पत्र तैयार करने वाला सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया।

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इसके लिए प्रमोद ने अकील को 35,000 रुपये चुकाए। सॉफ्टवेयर मिलने के बाद आरोपी ने AnyDesk के माध्यम से कई सिस्टम पर यह पोर्टल इंस्टॉल करवाया। प्रमोद हर यूजर आईडी के बदले 45,000 रुपये लेता था और 35,000 रुपये अकील सैफी को भेजता था।

18–19 हजार फर्जी आधार कार्ड तैयार और अपडेट किए गए

एसटीएफ की जांच में पता चला कि गिरोह ने तीन माह में लगभग 2,000–2,500 आधार कार्ड फर्जी तरीके से बनाए। आरोपी ने अब तक करीब 18,000 से 19,000 आधार कार्ड बनवाने और अपडेट करवाने की बात कबूल की है।
0–18 वर्ष के बच्चों के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र तैयार किए जाते थे, जबकि वयस्कों के आधार में नाम, पता और जन्मतिथि में बदलाव किए जाते थे।

नेपाल भागने की फिराक में था आरोपी

गिरफ्तारी के डर से प्रमोद काफी समय से छिपा हुआ था और घटना वाले दिन नेपाल भागने की योजना में था। तभी एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

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बैंक खाते और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच जारी

एसटीएफ अब आरोपी के बैंक खातों, वॉलेट और डिजिटल ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है। साथ ही पोर्टल डेवलपर और गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं। गिरफ्तार आरोपी को थाना मुर्तिहा में दर्ज केस संख्या 251/2025 में बीएनएस की विभिन्न धाराओं में जेल भेज दिया गया। यह कार्रवाई नेपाल बॉर्डर पर चल रहे बड़े साइबर फर्जीवाड़े को रोकने में एसटीएफ की एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है।

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 12 December 2025, 3:13 PM IST