Video: औरैया में जलभराव से डूबी शिक्षा, स्कूली बच्चे पानी से होकर जाने को मजबूर

औरैया जिले के उमरी गांव में जलभराव से स्कूली बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। जर्जर सड़क और पानी के कारण बच्चे रोजाना खतरे से जूझते हुए स्कूल जाते हैं। प्रशासनिक अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी से ग्रामीणों में नाराजगी है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 28 August 2025, 1:59 PM IST
google-preferred

Auraiya: औरैया जिले के दिबियापुर ब्लॉक के उमरी गांव में रहने वाले लोगों को आजादी के इतने सालों बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली सड़क न केवल जर्जर हालत में है। बल्कि लगातार जलभराव की समस्या ने इसे खतरनाक बना दिया है। इससे सबसे ज्यादा परेशानी उमरी कंपोजिट विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और बुजुर्गों को हो रही है। यह एकमात्र रास्ता है जिससे होकर स्कूली बच्चे रोजाना स्कूल जाते हैं। लेकिन साल भर इस रास्ते पर घुटनों तक पानी भरा रहता है और निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण स्थिति में कोई बदलाव नहीं आता।

जूते हाथ में लेकर, किताबें भीगने से बचाकर स्कूल जाते हैं बच्चे

बारिश हो या धूप, बच्चों को पानी में चलकर ही स्कूल जाना पड़ता है। कई बार बच्चे जूते हाथ में लेकर, पैंट-स्कर्ट मोड़कर जलभराव से गुजरते हैं। गंदा और बदबूदार पानी उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है। कई बार बच्चे फिसल कर गिर जाते हैं, जिससे उन्हें चोटें भी आती हैं, लेकिन अफसोस कि अभी तक प्रशासन की नींद नहीं टूटी है।

औरैया के किसानों के लिए बड़ा कदम: डीएम और एसपी ने लिया एक्शन, अब नहीं होगी फसल खराब, जानें कैसे

स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी

स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार ग्राम प्रधान प्रतिनिधि और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से इस समस्या को लेकर शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गांव वालों का आरोप है कि चुनाव के समय वादे करने वाले नेता बाद में इलाके की सुध नहीं लेते। नतीजतन हर साल यही समस्या दोहराई जाती है।

शिक्षा पर पड़ रहा गहरा असर, बढ़ सकती है स्कूल छोड़ने की दर

जलभराव के कारण बच्चों की स्कूल उपस्थिति प्रभावित हो रही है। अक्सर बच्चे बीमार पड़ जाते हैं या डर के कारण स्कूल नहीं जा पाते। ग्रामीणों ने बताया कि कई अभिभावक अब बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं, जिससे आने वाले समय में ड्रॉपआउट रेट बढ़ सकता है। यह स्थिति बच्चों के भविष्य और शिक्षा व्यवस्था पर सीधा हमला है।

औरैया में बंदर ने उड़ाए 80 हजार, पेड़ से हुई नोटों की बारिश, तहसील परिसर में मची लूट

प्रशासन कर रहा है बड़ी घटना का इंतजार?

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि शायद जिला प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या किसी बच्चे के डूबने या करंट लगने के बाद ही प्रशासन की नींद खुलेगी? क्या योगी सरकार की गड्ढा मुक्त योजना सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित है? ग्रामीणों ने यह भी कहा कि सरकार की छवि को अगर कोई धूमिल कर रहा है तो वह स्थानीय प्रशासन की लापरवाही है, जो बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रही है। सड़क की मरम्मत और जल निकासी की उचित व्यवस्था आज भी एक सपना बनी हुई है।

क्या अब जागेगा प्रशासन?

अब देखना है कि इस गंभीर मुद्दे पर औरैया जिला प्रशासन कब जागता है। बच्चों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई आवश्यक है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे धरना-प्रदर्शन और जनआंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

 

Location :