

यह मामला श्री सिद्धदाता इस्पात प्रालि नामक कंपनी से जुड़ा हुआ है। जो स्टील उत्पाद बनाने के व्यवसाय में लगी हुई है। कंपनी के निदेशक, प्रमोटर और अन्य आरोपी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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नोएडा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 190 करोड़ रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई ठिकानों पर छापे मारे। इस दौरान गाजियाबाद, नोएडा और पानीपत में भी कार्रवाई की गई। ईडी की टीमों ने प्रमुख कंपनियों के निदेशकों, प्रमोटरों, साझेदारों और लेखा परीक्षकों के परिसरों में तलाशी ली। जिसमें कई अहम दस्तावेज जब्त किए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, यह मामला श्री सिद्धदाता इस्पात प्रालि नामक कंपनी से जुड़ा हुआ है। जो स्टील उत्पाद बनाने के व्यवसाय में लगी हुई है। इस कंपनी पर बैंक ऑफ बड़ौदा (पूर्व में देना बैंक) के साथ 190 करोड़ रुपये का बैंक ऋण धोखाधड़ी का आरोप है। ईडी की जांच के मुताबिक कंपनी के निदेशक, प्रमोटर और अन्य आरोपी इस धोखाधड़ी में शामिल हैं। जिसमें बैंक ऋणों का दुरुपयोग किया गया था।
कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए
ईडी ने इस मामले में इन आरोपियों के परिसरों में छापे मारे और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी जांच जारी है। सूत्रों के मुताबिक इस धोखाधड़ी का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था और इसमें कई लोग शामिल थे। जिनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।
सीबीआई ने की थी शुरुआत
बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी और धोखाधड़ी की जांच शुरू की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के आधार पर इस मामले की जांच आगे बढ़ाई और छापे मारे। सीबीआई और ईडी की संयुक्त कार्रवाई से यह मामला और भी जटिल हो गया है। जांच एजेंसियां इस मामले में आगे की कार्रवाई की योजना बना रही हैं।
कंपनी का कारोबार और धोखाधड़ी के तरीके
श्री सिद्धदाता इस्पात प्रालि पर आरोप है कि कंपनी ने बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी का सहारा लिया। ईडी ने कहा कि कंपनी के प्रमोटरों और निदेशकों ने धोखाधड़ी के जरिए बैंक ऑफ बड़ौदा से ऋण प्राप्त किया और उसे गलत तरीके से इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप 190 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ईडी की कार्रवाई से संकेत मिलता है कि इस धोखाधड़ी में कई लोग शामिल हैं। जिनके खिलाफ आगे सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जांच एजेंसियां अब दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही हैं। इस मामले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ प्रमाण जुटाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
ईडी की जांच जारी
ईडी ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह जांच अब भी जारी है और इस मामले में अन्य संदिग्ध व्यक्तियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। इसके अलावा ईडी ने यह भी बताया कि जब्त किए गए दस्तावेज़ों का विश्लेषण किया जा रहा है। उनकी मदद से यह खुलासा किया जाएगा कि धोखाधड़ी का नेटवर्क किस हद तक फैला हुआ था।